हाल के दिनों में अमेरिका के कैलिफोर्निया प्रांत में हिंदू विरोधी क्राइम में इजाफा देखा गया है. यहां की एक सरकारी रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक कैलिफोर्निया में यहूदियों के बाद धर्म के आधार पर सबसे ज्यादा भेदभाव हिंदुओं के साथ होता है. ये रिपोर्ट कैलिफोर्निया सिविल राइट्स डिपार्टमेंट ने हाल ही में हेट क्राइम्स को लेकर जारी की है. जिसमें पिछले साल रिपोर्ट की गई घटनाओं का विश्लेषण किया गया है.
हिंदू विरोधी नफरत में इजाफा क्यों ?
रिपोर्ट के मुताबिक यहां सबसे ज्यादा यहूदी विरोधी घटनाएं हुई हैं. जिसके बाद सबसे ज्यादा हिंदुओं को निशाना बनाया गया, वहीं इस्लामोफोबिया से जुड़े मामले काफी कम हैं. सीआरडी के आंकड़ों के मुताबिक हिंदू विरोधी 23.3 फीसदी, यहूदी विरोधी 36.9 फीसदी, मुस्लिम विरोधी 14.6 फीसदी हेट क्राइम के केस दर्ज किए गए हैं.
हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन का कहना है कि रिपोर्ट से इस बात की पुष्टि होती है कि जो हम पहले से जानते थे. फाउंडेशन ने कहा कि साल 2023 की शुरुआत के बाद से हिंदुओं से नफरत, क्राइम और पूर्वाग्रह की घटनाओं की रिपोर्ट में इजाफा हुआ है. इससे पहले एफबीआई की वार्षिक यूनिफॉर्म क्राइम रिपोर्ट में भी साल 2022 के बाद से हिंदुओं के खिलाफ होने वाली हिंसक घटनाओं में इजाफा दर्ज किया गया था. हिंदू संगठनों का आरोप है कि सरकारी एजेंसियां कई मामले की रिपोर्ट दर्ज ही नहीं करते.
क्यों खामोश है बाइडेन प्रशासन ?
अमेरिका में हिंदुओं के खिलाफ नफरत और बढ़ती हिंसा के मामलों को लेकर बाइडन प्रशासन ने चुप्पी साध रखी है. मार्च में अमेरिका में रह रहे भारतीय मूल के नागरिकों ने एफबीआई के साथ-साथ कैलिफोर्निया के सिलिकॉन वैली की स्थानीय पुलिस के साथ एक बैठक की. जिसमें उन्हें बताया गया कि यहां हिंदुओं और जैन मंदिरों के खिलाफ हेट क्राइम बढ़ रहा है जिससे यहां रह रहे भारतवंशी खौफ में जी रहे हैं. यही नहीं खालिस्तानी समर्थक, स्कूलों और भारतीयों की दुकानों के बाहर ट्रक खड़ा कर उन्हें डराने-धमका रहे हैं. जिसमें खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस और उससे जुड़े खालिस्तानी आतंकी पन्नू के भड़काऊ भाषण का जिक्र खास तौर पर किया गया है.
भारतवंशियों का कहना है कि सरकारी एजेंसियां आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही हैं. सवाल उठता है कि बाइडेन प्रशासन क्या इन लोगों को पाल रही है और उन्हें ऐसे काम के लिए उकसा रही है. (तस्वीर साभार – प्रेसिडेंट जो बाइडेन के फेसबुक पेज से साभार)