अमेरिका में कैलिफोर्निया नागरिक अधिकार विभाग ने माना है कि जाति, हिंदू धर्म का अनिवार्य हिस्सा नहीं है. 2020 की एक शिकायत में संशोधन करते हुए अमेरिकी डिपार्टमेंट का यह बयान अमेरिका में हिंदुओं के लिए एक बड़ी जीत के तौर पर देखा जा रहा है. कैलिफोर्निया नागरिक अधिकार विभाग का बयान चर्चा में है. जिसमें साफ कहा गया है कि हिंदुओं में जाति आधारित भेदभाव हिंदू धर्म का जरूरी हिस्सा नहीं है.
मामला 2020 का है जब सिलिकॉन वैली की एक टेक कंपनी सिस्को सिस्टम्स पर जातिगत भेदभाव का आरोप लगा. इस आरोप के आधार पर की गई शिकायत में अब कैलिफोर्निया सिविल राइट्स डिपार्टमेंट ने संशोधन किया है. अमेरिका में हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन ने इस फैसले को हिंदू अमेरिकियों के अधिकारों की रक्षा करने वाला करार दिया है.
हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन (HAF) द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि विभाग ने स्वेच्छा से सिस्को सिस्टम्स के खिलाफ अपनी शिकायत में संशोधन करने के लिए दिसंबर के पहले सप्ताह में एक प्रस्ताव दायर किया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि सिलिकॉन वैली टेक दिग्गज में जातिगत भेदभाव हुआ था। संशोधित शिकायत में उस गलत और असंवैधानिक दावे को हटा दिया गया है कि जाति और जाति भेदभाव हिंदू धार्मिक शिक्षाओं और प्रथाओं का एक अनिवार्य हिस्सा है.
हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन के मुताबिक कैलिफोर्निया नागरिक अधिकार विभाग यानी सीआरडी, दक्षिण एशियाई मूल के लोगों के बारे में कई “झूठे और ज़ेनोफोबिक” दावों के साथ-साथ इस संदिग्ध निहितार्थ के आधार पर अपना मामला आगे बढ़ा रहा है कि भारत में जाति भेदभाव त्वचा के रंग से जुड़ा हुआ है.