दिल्ली की सीमा पर किसानों के आंदोलन से दिल्ली की जनता परेशान तो है ही, दिल्ली आने-जाने वाले पड़ोसी राज्य के लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. देश के दूसरे हिस्सों से कई गंभीर रूप से बीमार मरीज दिल्ली इलाज के लिए आते हैं. लेकिन इस आंदोलन की वजह से बीमार लोगों को इलाज नहीं मिल रहा. दिल्ली से होने वाला कारोबार भी बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है. लेकिन प्रदर्शनकारी किसानों को इसकी मानो फिक्र नहीं है.
अब तक 3 पुलिसकर्मियों की मौत
किसान आंदोलन में ड्यूटी पर तैनात 3 पुलिसकर्मियों की तबीयत बिगड़ने से अब तक मौत हो चुकी है. इस बीच हरियाण बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों का दावा है कि पुलिस से झड़प के दौरान 21 साल के एक किसान की मौत हो गई. फिलहाल हरियाणा पुलिस ने इसे महज अफवाह बताया है. हरियाणा पुलिस का कहना है कि किसान आंदोलन में किसी की मौत नहीं हुई है. लेकिन ऐसे हालात में सवाल उठता है कि किसे क्या हासिल हो रहा है.
किसान आंदोलन से 300 करोड़ के कारोबार का नुकसान
किसान आंदोलन का दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों से होने वाले कारोबार पर बुरा असर पड़ रहा है. सड़कों पर जाम और बॉर्डर बंद होने से रोजाना काम आने वाले जरूरी सामान की किल्लत होनी शुरू हो चुकी है. कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के मुताबिक किसानों के आंदोलन की वजह से अब तक करीब 300 करोड़ के व्यापार को नुकसान पहुंचा है. लहसुन-प्याज जैसी चीजें अब मंहगी होने लगी हैं. आंदोलन जल्द खत्म नहीं हुआ तो इसका असर दूसरे सामान की कीमतों पर भी दिखने लगेगा.
अंबाला में कपड़ा मार्केट ठप
एक अनुमान के मुताबिक रोजाना करीब पांच लाख व्यापारी दूसरे राज्यों से दिल्ली खरीदारी या फिर कारोबार के सिलसिले में आते हैं. लेकिन किसान आंदोलन की वजह से इनका आना ठप हो गया है. इसका सीधा असर कारोबार पर पड़ रहा है. अंबाला में तो कपड़ा मार्केट ठप हो गया है. ऐसे में सिर्फ उम्मीद की जा सकती है कि किसान अपनी जिद छोड़ें और प्रदर्शन की बजाए सरकार से बातचीत कर ठोस समाधान की तलाश करें. ऐसा करके वो लोगों की परेशानियां तो बढ़ा ही रहे हैं. साथ ही आम लोगों की सहानुभूति भी खो रहे हैं.