इटली में होने वाले जी-7 देशों के मेहमानों का नमस्ते के साथ वेलकम किया गया. इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी मेहमानों का स्वागत नमस्ते से करती नजर आईं. जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. दुनिया के सात सबसे अमीर देशों के नेताओं का स्वागत मेलोनी ने ऐसे ही किया. मेलोनी भारतीय तौर तरीकों से प्रभावित दिखीं. अपने अभिवादन में नमस्ते करते वक्त मेलोनी नमस्ते शब्द का उच्चारण भी कर रही थीं.
हाथ मिलाने से बेहतर है नमस्ते
याद कीजिए अभी ज्यादा दिन नहीं बीते हैं जब कोरोना के टाइम हैंडशेक की जगह नमस्ते ने ले लिया था. ऐसा कहा जाने लगा था कि कोविड हाथ मिलाने के चलन को खत्म कर देगा. शायद ही अब हम कभी किसी से हाथ मिलाएं. इसके बाद भी आज अभी भी हैंडशेक अभिवादन का सबसे ज्यादा प्रचलित तरीका है. कोविड के दौरान एक दूसरे के शारीरिक संपर्क से बचने के लिए लोगों ने इससे तौबा कर ली थी. जॉर्जिया मेलोनी जिस देश की प्रधानमंत्री हैं यानी इटली में तो हाथ मिलाने की बजाए गालों पर 2 या 3 बार चुंबन करने का रिवाज है. कोरोना के दौरान फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों भी नमस्ते करते नजर आए थे.
नमस्ते के फायदे
नमस्ते या फिर नमस्कार हिंदुओं द्वारा एक दूसरे से मिलने पर अभिवादन के रूप में इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है. जिसका अर्थ है – मैं दिल में आपके सामने झुकता हूं. नम: का अर्थ झुक जाना और असते का मतलब अहंकार (घमंड) से भरा , मतलब अहंकार से भरा सिर किसी का सामने झुक जाना. ये सामने वाले शख्स को सम्मान देने का तरीका है. ऐसा कहा जाता है कि नमस्ते करने से आपका आध्यात्मिक विकास तो होता ही है साथ ही सेहत भी दुरुस्त रहती है. हाथ जोड़कर नमस्ते या फिर नमस्कार करने से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है. नमस्ते की मुद्रा से आप तनाव से बच सकते हैं. ये एक तरह से एक्युप्रेशर का काम करता है. जिससे पाचन से जुड़ी समस्या दूर होने के साथ-साथ कान, दिमाग और आंखों को भी दुरुस्त रखा जा सकता है. (तस्वीर साभार – Giorgia Meloni के फेसबुक पेज से)