लोकसभा चुनाव के नतीजों में विपक्ष को मिली अप्रत्याशित सफलता के बाद आने के बाद ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) का मुद्दा खो गया था. लेकिन दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी एलॉन मस्क की एक्स पोस्ट ने इसे फिर से विपक्ष ने अपना हथियार बनाना शुरू कर दिया है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ईवीएम पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने एलॉन मस्क की पोस्ट को रिपोस्ट करते हुए लिखा कि – भारत में EVM एक ब्लैक बॉक्स है और किसी को भी उनकी जांच करने की इजाजत नहीं है. उन्होंने आगे लिखा कि जब संस्थाओं में जवाबदेही की कमी होती है तो लोकतंत्र एक दिखावा बन जाता है और धोखाधड़ी की संभावना बढ़ जाती है. राहुल गांधी इसके साथ मुंबई ईवीएम को लेकर दर्ज हुए केस का जिक्र भी किया.
EVM पर एलॉन मस्क ने जताई है आशंका
दरअसल मस्क ने अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव ईवीएम से नहीं कराने की सलाह दी है. उन्होने लिखा कि ईवीएम को खत्म कर देना चाहिए. इसे इंसानों या एआई द्वारा हैक किए जाने का खतरा है. मस्क ने लिखा – हालांकि ये खतरा कम है, फिर भी ये खतरा बहुत ज्यादा है. एलॉन मस्क ने अमेरिकी राष्ट्रपति रॉबर्ट एफ कैनेडी यूनियर की पोस्ट को शेयर करते हुए ये बातें लिखी थीं. जिसमें कैनेडी ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन की गड़बड़ियों का जिक्र किया था.
NDA उम्मीदवार के रिश्तेदार का मोबाइल से जुड़ा EVM ?
मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट पर शिवसेना (शिंदे गुट) के उम्मीदवार रविंद्र वायकर को 48 वोट से मिली जीत के बाद उद्धव गुट के उम्मीदवार अमोल गजानन किर्तिकर की तरफ से वोटिंग सेंटर में गड़बड़ी की आशंका जताई गई थी. जिसके बाद मुंबई पुलिस ने रविंद्र वायकर के साले मंगेश के खिलाफ केस दर्ज किया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मंगेश को कथित तौर पर मोबाइल का इस्तेमाल करते हुए देखा गया था. इस मोबाइल का इस्तेमाल ईवीएम को अनलॉक करने वाले ओटीपी को जनरेट करने के लिए किया गया था.
चुनाव आयोग की सफाई
मुंबई में ईवीएम (EVM) पर उठे सवाल को लेकर चुनाव आयोग ने सफाई देते हुए हैकिंग के आरोपों को खारिज किया है. विपक्ष के आरोपों पर चुनाव आयोग ने कहा कि ईवीएम को अनलॉक करने के लिए कोई ओटीपी नहीं लगता है. मुंबई से आई खबर पूरी तरह से गलत है, उसको लेकर कुछ लोगों ने ट्वीट किए. ईवीएम डिवाइस किसी से कनेक्ट नहीं रहता. न्यूज पेपर द्वारा ये खबर पूरी तरह से गलत चलाई गई है. हमने उन्हें नोटिस जारी किया है. साथ ही 499 आईपीसी के तहत मानहानि का केस भी किया है.
EVM जिंदा है या मर गया-पीएम
चुनाव नतीजों के आने के बाद हमेशा विपक्ष ईवीएम का रोना रोया करता था. लेकिन इस बार नतीजे आने पर विपक्ष खामोश था. लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने इसका जिक्र किया, जब वो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का नेता चुने जाने के बाद संसदीय दल की बैठक को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि – जब चार जून को नतीजे आए तो मैं काम में व्यस्त था. बाद में फोन आना शुरू हो गए. मैंने कहा कि ये आंकड़े तो ठीक हैं, ये बताओ की ईवीएम जिंदा है या मर गया. क्योंकि ये लोग तय करके बैठे थे कि भारत के लोकतंत्र और लोकतंत्र की प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा दिया जाए. ये लगातार ईवीएम को गाली देते रहे. ये ईवीएम की अर्थी निकालने की तैयारी में थे. प्रधानमंत्री ने कहा कि शाम तक उनकी जुबान में ताले लग गए और ईवीएम ने उन्हें चुप करा दिया. यह ताकत लोकतंत्र और चुनाव आयोग की है. उम्मीद करता हूं कि पांच साल ईवीएम नहीं सुनाई देगा. लेकिन 2029 में ये फिर ईवीएम कहने लगेंगे. (तस्वीर साभार – राहुल गांधी फेसबुक पेज से साभार)