पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करने जा रहे एनडीए गठबंधन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गठबंधन का नेता चुन लिया है. गठबंधन के प्रस्ताव में कहा गया है कि देश के 140 करोड़ देशवासियों ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में एनडीए की जन कल्याणकारी नीतियों से देश को हर क्षेत्र में विकसित होते देखा जा रहा है. देश की 17वीं लोकसभा को राष्ट्रपति ने भंग कर दिया है. उधर इंडी गठबंधन भी सरकार बनाने की संभावनाओं को टटोल रहा है.
9 जून को शपथ लेगी मोदी कैबिनेट
अब 9 जून को शपथ ग्रहण समारोह होना है. जिसके बाद नई कैबिनेट का गठन होगा. इस बीच 3 निर्दलीय और एक-एक सांसद वाले सात दूसरे दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को समर्थन देने का एलान किया है. एनडीए की अगली बैठक सात जून को होगी. जिसमें नरेंद्र मोदी को एनडीए संसदीय दल का नेता चुना जाएगा. फिर वो राष्ट्रपति के पास जाकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे. जानकारी के मुताबिक चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार ने इस बात पर जोर दिया कि बिना वक्त गंवाए सरकार का गठन जल्द से जल्द कर लिया जाना चाहिए.
उधर शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां भी तेज हो गई हैं. नरेंद्र मोदी ने अपने शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए श्रीलंका के राष्ट्रपति, बांग्लादेश, मॉरिशस के प्रधानमंत्री के अलावा भूटान नरेश को न्यौता भेज दिया गया है. वहीं एक बार फिर सत्ता में वापसी को लेकर दुनिया भर के नेताओं की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई संदेश मिल रहे हैं.
शपथ ग्रहण से पहले जेडीयू ने रखी मांग
सरकार के गठन की कोशिशों के बीज नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने सेना में भर्ती की अग्निपथ योजना की समीक्षा की मांग उठाई है. पार्टी का कहना है कि अग्निपथ योजना को लेकर आम लोगों में नाराजगी है. हमारी पार्टी उन कमियों को दूर करना चाहती है. उधर ऐसी खबरें भी सामने आईं कि चंद्रबाबू नायडू ने स्पीकर की कुर्सी दिए जाने की मांग की है. साथ ही उन्होंने चार कैबिनेट मंत्री की पोस्ट मांगी है. खबरें तो ये भी हैं कि नीतीश कुमार ने मंत्रिमंडल में हिस्सेदारी को लेकर एक फॉर्मूला भी शेयर किया है.
(तस्वीर साभार – नरेंद्र मोदी के फेसबुक पेज से साभार)