अगर हिंदू जाग गए तो ओवैसी भाई को दिक्कत होगी… असद भाई अल्पसंख्यकों की आवाज उठाते हैं, क्या उन्होंने अपने इलाके के अल्पसंख्यक हिंदुओं की आवाज कभी उठाई… अपने इन सवालों के जरिए माधवी लता लगातार असदुद्दीन ओवैसी को घेर रही हैं. तेलंगाना की हैदराबाद सीट जो 1984 से AIMIM का गढ़ है, वहां से असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ बीजेपी ने डॉ माधवी लता को चुनाव मैदान में उतारा है. ऐसा पहली बार है जब ओवैसी का मुकाबला किसी महिला उम्मीदवार से होगा. इस तरह बीजेपी ने इस बार ओवैसी के सामने एक हिंदुत्ववादी फेस को मुकाबले में उतारा है.
मुस्लिम महिलाओं के लिए भी काम करती हैं माधवी लता
49 साल की माधवी लता का कोई पॉलिटिकल बैकग्राउंड नहीं है. हालांकि वो समाजसेवा में काफी एक्टिव रहती हैं. वो एक बिजनेस वुमन, भरतनाट्यम नृत्यांगना हैं. वो महिलाओं के लिए भी काम करती हैं. मुस्लिम महिला समूहों के साथ मिलकर हैदराबाद के पुराने इलाकों में, जहां मुस्लिमों की संख्या अधिक है, तीन तलाक के खिलाफ सक्रिय रूप से अभियान चलाया. इसके अलावा उन्होंने मुस्लिम महिलाओं और लड़कियों के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की सहायता के लिए एक कोष भी स्थापित किया. ऐसे में वो अगर चुनाव नतीजों में चौंका दें तो हैरानी नहीं होगी.
देश को महाशक्ति बनाने के लिए काम करने की ख्वाहिश
हिंदुत्व के मुद्दे पर माधवी लता काफी मुखर हैं. प्रधानमंत्री मोदी को अपनी प्रेरणा बताने वाली माधवी लता कहती हैं कि वो उन राजाओं से प्रभावित हैं जिनके काल में हिंदू धर्म फला-फूला. उनका कहना है कि वो देश को महाशक्ति बनाने के लिए काम करना चाहती हैं. स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में काम करने के साथ-साथ वो धार्मिक गतिविधियों में भी खूब शामिल होती हैं. कोविड के दौरान भी उन्होंने काफी काम किया था. उनका अपना अस्पताल है, जिसकी वो चेयरपर्सन हैं.
माधवी लता के सवाल ओवैसी को परेशान कर सकते हैं
माधवी लता मदरसों में बच्चों को खाना नहीं मिलने पर सवाल उठाती हैं. उनका कहना है कि हैदराबाद के पुराने शहर में गरीबी है. मुस्लिम बच्चों शिक्षा नहीं मिल रही है. वो कहती हैं कि मंदिरों और हिंदू घरों पर अवैध कब्जा किया जा रहा है. ये सब सवाल चुनावी मौसम में ओवैसी के लिए परेशानियां खड़े कर सकते हैं.