आखिरकार वही हुआ, जिसका अंदाजा लगाया जा रहा था. राहुल गांधी केरल की वायनाड लोकसभा सीट से इस्तीफा देंगे और रायबरेली से एमपी बने रहेंगे. वहीं ये अटकलें भी सच साबित हुई हैं कि वायनाड सीट से प्रियंका वाड्रा चुनाव लड़ेंगी. कांग्रेस की बैठक के बाद इसकी घोषणा की गई. इस फैसले पर राहुल गांधी ने कहा कि रायबरेली और वायनाड से मेरा भावनात्मक रिश्ता है. मैं पांच साल से वायनाड का सांसद था. वहां के लोगों को उनके प्यार और समर्थन के लिए धन्यवाद. मेरे इस्तीफे के बाद प्रियंका वाड्रा यहां से चुनाव लड़ेंगी. राहुल गांधी ने कहा कि इस्तीफे के बाद भी वो वायनाड का दौरा करते रहेंगे. उन्होंने कहा कि रायबरेली से मेरा रिश्ता पुराना है. मुझे खुशी है कि मुझे फिर से उनका प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलेगा. राहुल ने कहा कि उनके लिए यह एक कठिन फैसला था.
वायनाड से उपचुनाव लडेंगी प्रियंका
करीब डेढ़ दशक से सक्रिय राजनीति से एक तय दूरी बना कर रखने वाली प्रियंका वाड्रा अब वायनाड से उपचुनाव लड़ेंगी. अभी तक वो सोनिया और राहुल की सहयोगी के रूप में नजर आती थी. राहुल गांधी के फैसले पर प्रियंका वाड्रा ने कहा कि मैं वायनाड को राहुल गांधी की कमी महसूस नहीं होने दूंगी. मैं कड़ी मेहनत करूंगी. उन्होंने कहा कि मुझे वायनाड का प्रतिनिधित्व करने में बहुत खुशी होगी. प्रियंका ने कहा कि वो सभी को खुश करने और एक बेहतर जनप्रतिनिधि बनने की पूरी कोशिश करेंगी. उन्होंने आगे कहा कि हम दोनों रायबरेली और वायनाड में मौजूद रहेंगे.
कांग्रेस पार्टी नहीं फैमिली कंपनी – बीजेपी
कांग्रेस के इस फैसले को लेकर बीजेपी ने तीखी आलोचना की है. बीजेपी का कहना है कि मां राज्यसभा में होंगी. बेटा लोकसभा में होगा और बेटी भी. यह कांग्रेस की वंशवादी राजनीति का उदाहरण है. आज ये साबित हो गया है कि कांग्रेस एक पार्टी नहीं बल्कि एक फैमिली कंपनी है. बीजेपी ने कहा कि कांग्रेस के इस निर्णय से साबित हो गया है कि गांधी परिवार वायनाड से रायबरेली तक परिवार की राजनीति का प्रसार करना चाहते हैं. (तस्वीर साभार – राहुल गांधी फेसबुक पेज से साभार)