कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर की बेटी सुरन्या ने अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के विरोध में उपवास किया है. उनका कहना है कि उन्होंने यह अनशन देश के मुस्लिमों के लिए किया है. हालांकि मणिशंकर अय्यर और उनकी बेटी से इससे अलग काम की उम्मीद भी नहीं की जा सकती है. क्योंकि इसमें उनका दोष कम, उनकी पार्टी और उसकी विचारधारा का दोष ज्यादा है. जहां अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा बहुसंख्यकों के हितों को कुचल कर की जाती हो, वहां ऐसे ही कार्यों की ही उम्मीद की जा सकती है.
सुरन्या ने अपनी बहादुरी को फेसबुक पर पोस्ट भी किया है. उन्होंने लिखा है कि मुगलों की नीति मंदिर तोड़ने की नहीं थी, उन्होंने तो मंदिर बनवाए हैं. अपने इस महान ऐतिहासिक ज्ञान को दर्शाते हुए वो आगे लिखती हैं कि झूठ, हिंसा और प्रतिशोध पर बने मंदिर पर कोई कैसे खुशी मना सकता है. उनका कहना है कि भारत में मुगल, मुस्लिमों को ही हरा कर आए. बाबर ने इब्राहिम लोदी को हराया बाद में मुगलों ने राजपूतों से वैवाहिक संबंध भी बनाए. उनका कहना है कि दिल्ली सल्तनत ने उन्हें बेशकीमती चीजें भी दीं.
सुरन्या का यह उपवास बहुत हैरान नहीं करता. लेकिन संभव है कि इस उपवास के जरिए उनकी सियासी लॉन्चिंग की जा रही हो. इसलिए वो कांग्रेसी सोच का प्रतिनिधित्व करती नजर आना चाहती हों. मुगलों की उदारता का प्रचार करने वाली सुरन्या की इतिहास की जानकारी और समझ पर अफसोस होता है. उम्मीद है उनका उपवास उन्हें सच्ची राह दिखाएगा. कांग्रेस ने पहले ही प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं होकर हिंदुओं को संदेश दे दिया है. जाहिर है, हिंदू मतदाता इतना समझदार तो हो चुका है कि उसे कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति समझ में आती है. (Image Source – सुरन्या अय्यर के फेसबुक एकाउंट से साभार)