अयोध्या में जैसे-जैसे भव्य मंदिर आकार ले रहा है, जैसे-जैसे 22 जुलाई को प्राण प्रतिष्ठा की तारीख करीब आ रही है और लोकसभा चुनाव का वक्त पास आ रहा है. कांग्रेस के प्राण सूखने लगे हैं. बीजेपी के शब्दों में कहें तो कांग्रेस को राममंदिर खटकता दिख रहा है. तभी तो कांग्रेस को कभी इसमें स्टंट नजर आता है तो कभी उसे मंदिर का उद्घाटन लोकसभा चुनाव के आसपास होना एक नौटंकी लगता है. अब कांग्रेस ने अपनी हरकतों से साफ कर दिया है कि राममंदिर का बनना उसे बिल्कुल भी पसंद नहीं है, इसलिए वो शायद अपने कोर वोटर को खुश करने के लिए राममंदिर के दौरान हुई कारसेवा में शामिल कारसेवकों को निशाना बनाने में जुट गई है. कर्नाटक के हुबली जिले में में 31 साल पहले के एक मामले में श्रीकांत पुजारी नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस का कहना है कि यह गिफ्तारी 5 दिसंबर, 1992 को हुई हिंसा की एक घटना के मामले में की गई है.
कांग्रेस को राममंदिर बनने से तकलीफ है-बीजेपी
गिरफ्तारी के बाद बीजेपी ने कर्नाटक की कांग्रेस कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है. बीजेपी ने कांग्रेस से सवाल किया है कि क्या कांग्रेस को राममंदिर से तकलीफ है. क्या कांग्रेस को राममंदिर खटक रहा है. कर्नाटक बीजेपी अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र ने कहा कि कर्नाटक में राम भक्तों के खिलाफ पुराने केस खोलना कांग्रेस सरकार की ओछी मानसिकता को उजागर करता है. कांग्रेस ने उस वक्त हिंदुओं की भावनाओं को अपमानित करने का विकल्प चुना, जब पूरा देश राममंदिर के उद्घाटन का जश्न मनाने की तैयारी में है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने शुरू से ही हर कदम पर राममंदिर निर्माण में अडंगा लगाया है. अब वो रामभक्तों को मंदिर बनने की खुशी मनाने से रोकने की कोशिश कर रहा है. बी वाई विजयेंद्र ने कहा कि कांग्रेस की हमेशा अल्पसंख्यकों को खुश करने की नीति, हिंदुओं के लिए खतरा रही है. बीजेपी के आरोपों पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का कहना है कि जिसने अपराध किया है, क्या हम उसे खुला छोड़ दें. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार सारे पुराने मामले खत्म करेगी. पुलिस ने कानून के हिसाब से काम किया है. सिद्धारमैया से सवाल पूछा जाना चाहिए कि कार्रवाई का वक्त ठीक मंदिर के उद्घाटन के समय क्यों चुना गया है. क्या इससे साबित नहीं होता कि कांग्रेस को राममंदिर खटक रहा है.
कांग्रेस सरकार ने रामायण को मिथकीय कथा बताया था
अभी दो दिन पहले ही कर्नाटक कांग्रेस के नेता और सरकार में मंत्री दशरथैया सुधाकर का बयान सामने आया था कि पिछले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने पुलवामा के आतंकी हमले का फायदा उठाया था, इस बार वो भगवान राम और राममंदिर का इस्तेमाल कर रहे हैं. ये वही कांग्रेस है जिसके नेतृत्व में यूपीए सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में रामसेतु मामले में अपने हलफनामे में रामायण को मिथकीय कथा बताते हुए कहा था कि रामसेतु के ऐतिहासिक और पुरातात्विक अवशेष होने के कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं हैं. दरअसल कांग्रेस को डर है कि अयोध्या का लौटा वैभव और भव्य मंदिर में रामलला के प्रतिष्ठित होने के बाद उसकी बची-खुची राजनीति भी खत्म हो जाएगी.