एमएसपी की मांग को लेकर दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे किसान और उनके आंदोलन की हवा निकलती दिख रही है. किसान कई धड़ों में बंट चुके हैं और अपनी ढपली-अपना राग अलाप रहे हैं. अब बात तो आरोप-पत्यारोप तक आ पहुंची है. दिल्ली के शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों पर संयुक्त किसान मोर्चा ने कई आरोप लगाए हैं. किसानों के आंदोलन को लेकर मोर्चा ने कहा है कि किसान नेताओं ने बैठक का जो ब्योरा जारी किया है उनमें से अधिकतर दिल्ली कूच के फैसले से पहले का है.
किसान आंदोलन पर संयुक्त किसान मोर्चा ने उठाए सवाल
संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि किसान आंदोलन में अराजकता फैलाने वाले लोग शामिल हो गए हैं. इन्हें आंदोलन से दूर करना चाहिए. मोर्चा का ये भी कहना है कि 26 जनवरी 2021 को लाल किले की ओर जाने का निर्णय गलत था. संयुक्त किसान मोर्चा ने साफ कहा है कि उसके द्वारा उठाए गए तीन मुद्दों पर सहमति के बाद ही वो साथ आने पर विचार कर सकता है. बता दें कि लुधियाना में हुई बैठक के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने 8 प्वाइंट्स का समाधान प्रस्ताव आंदोलन कर रहे किसान नेताओं को सौंपा. इस प्रस्ताव में अनुशासन में प्रदर्शन करना भी शामिल है.
किसानों की नई रणनीति
इस बीच किसान संगठनों ने आंदोलन को लेकर नई रणनीति बनाई है. अब पंजाब-हरियाणा को छोड़कर दूसरे राज्यों के किसान 6 मार्च को दिल्ली कूच करेंगे. इसके अलावा 10 मार्च को रेल रोको आंदोलन किया जाएगा. जबकि दिल्ली जाने का कार्यक्रम पहले की तरह ही रहेगा. प्लानिंग ये भी है कि शंभू और खनौरी बॉर्डर में किसानों की संख्या में इजाफा किया जाएगा. साथ ही दिल्ली के बाकी बॉर्डर को किसान ब्लॉक करेंगे.