विपक्ष केजरीवाल की गिरफ्तारी को लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार के खिलाफ मुद्दा बनाने की तैयारी में है. शराब घोटाले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में जाने के बाद पूरा विपक्ष यानी इंडिया ब्लॉक एकजुट हो गया है. इस गिरफ्तारी के विरोध में विपक्षी गठबंधन 31 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में बड़ा विरोध प्रदर्शन करने जा रहा है. दरअसल केजरीवाल की आम आदमी पार्टी इस गठबंधन में शामिल है.
विपक्ष का डर
पहले झारखंड में हेमंत सोरेन पर एक्शन फिर दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद अब ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि अगला नंबर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की हो सकती है. ऐसे में जो विपक्ष लोकसभा चुनाव से पहले बिखरता नजर आ रहा था. वो अब केजरीवाल के बहाने एकजुट हो रहा है और इसे चुनावी मुद्दा बनाने की तैयारी में है. उधर तेजस्वी यादव और अभिषेक बनर्जी से भी पूछताछ हो चुकी है. इसलिए गिरफ्तारी का डर बना हुआ है.
केजरीवाल के बाद किसकी बारी?
विपक्षी नेताओं का डर सिर्फ इतना नहीं है. 2014 से 2022 के बीच 121 बड़े नेताओं से जुड़े हुए केस की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा किया जा रहा है. जिसमें से 115 विपक्षी नेता हैं. इस तरह कुल केस में 95 प्रतिशत मामले विपक्ष के नेताओं के हैं.
कांग्रेस को पचेंगे केजरीवाल?
जिस तरह केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुकाबले दिखाने की कोशिश कर रहे हैं. जानकारों का कहना है कि आम आदमी पार्टी के इस रूख से कांग्रेस को दिक्कत हो सकती है. क्योंकि वो राहुल गांधी के मुकाबले केजरीवाल का ये कद बनता नहीं देख सकेंगे. ऐसे में शीट शेयरिंग को लेकर मतभेद को अगल भुलाकर अगर चुनाव में ये गठबंधन उतरता भी है तो चुनाव बाद इसका ढहना तय है. (तस्वीर साभार- अरविंद केजरीवाल के फेसबुक पेज से साभार)