दिल्ली के शराब घोटाले में सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी. ये जमानत एक जून तक के लिए है. दो जून को उन्हें सरेंडर करना होगा. जमानत देते वक्त कोर्ट ने साफ कहा है कि चुनावों से 48 घंटे पहले हम उन्हें पूरा समय दे रहे हैं. उन्हें चुनाव प्रचार करने पर कोई पाबंदी नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद विपक्ष को अब ये बात कहने का मौका नहीं मिलेगा कि सुप्रीम कोर्ट पर भी प्रधानमंत्री मोदी का राज है या फिर उन्होंने इस पर कब्जा कर रखा है. सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला सीधे तौर पर केजरीवाल के पक्ष में है. क्योंकि अरविंद केजरीवाल ने तो जमानत के मांगी भी नहीं थी. फिर भी उन्हें जमानत मिल गई है.
इस फैसले का एक पहलू यह भी हो सकता है कि कम से कम अब तो ये लोग नहीं कहेंगे कि सुप्रीम कोर्ट पर भी पीएम मोदी का राज है या पीएम मोदी ने कोर्ट पर कब्जा कर रखा है. अब सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला दिया है वो तो इनके पक्ष में ही दिया है ना एक तरह से क्योंकि अरविंद केजरीवाल ने जमानत नहीं मांगी थी फिर भी उन्हें मिल गई.
रिहाई के बाद क्या बोले केजरीवाल
तिहाड़ जेल से बाहर आने के बाद अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद, हम सभी को मिलकर देश को तानाशाही से बचाना है. मैं तन-मन-धन से लड़ रहा हूं. तानाशाही के खिलाफ संघर्ष कर रहा हूं. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने एक बेहद खतरनाक मिशन चालू किया है. उस मिशन का नाम है – वन नेशन, वन लीडर. अगर वो ये चुनाव जीत जाते हैं तो दो महीने में यूपी का मुख्यमंत्री बदल दिया जाएगा. फिर अगले साल 17 सितंबर को वो रिटायर हो रहे हैं. इसके बाद वो अमित शाह को प्रधानमंत्री बनाएंगे
( फोटो साभार – अरविंद केजरीवाल के फेसबुक पेज से साभार)