‘हिंदी-चीनी भाई-भाई’ के धूर्तता भरे छलावे की तरह बहुत कम ही मौके आए हैं जब चीन ने अपने पड़ोसी देश भारत की तारीफ की हो. इस बार चीन ने भारत की भरपूर तारीफ की है. चीन ने हैरान करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की नीतियों की तारीफ की है और उसे महान ताकत बनने की ओर बढ़ने वाला देश करार दिया है. हालांकि चीन से कभी भारत के लिए ऐसी तारीफ की उम्मीद नहीं की जा सकती है. लेकिन जानकार इस तारीफ के मायने निकालने में जुटे हैं. बहुत से लोग ये सवाल कर रहे हैं कि चीन आखिर प्रधानमंत्री मोदी का मुरीद कैसे हो गया? चीन आखिर क्यों भारत की नीतियों का बखान कर रहा है? क्या चीन को आने वाले लोकसभा चुनाव के नतीजों का अंदाजा हो गया है ? क्या चीन को प्रधानमंत्री मोदी दोबारा सत्ता में वापसी करते नजर आ रहे हैं?
इन सब सवालों का जवाब यही है कि चीन की यह भाषा और नजरिए में बदलाव इन्ही वजहों से है. वो यह मान कर चल रहा है कि जैसा माहौल अभी भारत में है और विपक्ष भी प्रधानमंत्री मोदी के मुकाबले कमजोर नजर आ रहा है. उससे सत्ता परिवर्तन की कोई सूरत फिलहाल नजर नहीं आ रही है. यही वजह है कि चीन ने भारत और प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ के पुल बांधने शुरू कर दिए हैं. जाहिर है चीन की तारीफ प्रधानमंत्री मोदी की एक बार सत्ता में वापसी के संकेत जरूर देते हैं. क्योंकि आम जन मानस भी यही है जो चीन कह रहा है.
जहर उगलने वाला ड्रैगन मिठास क्यों घोल रहा ?
आम तौर पर भारत के लिए जगह उगलने वाले चीन के सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स के लेख में लिखा गया है कि – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारत पूरी रफ्तार से आगे बढ़ रहा है. जब से उन्होंने देश की बागडोर संभाली है. तब से भारत एक महान ताकत के रूप में अग्रसर है. भारत की विदेश नीति के मामले में रणनीतिक बदलाव आया है. वह रूस, अमेरिका और जापान समेत दूसरे देशों के साथ अपने संबंधों को बढ़ावा दे रहा है. इस लेख में भारत की चार साल की उपलब्धियों का भी जिक्र है. लेख के मुताबिक – भारत अपनी कहानी लिखने और खुद को विकसित करने में ज्यादा एक्टिव हुआ है. उसकी आर्थिक, विदेश और सामाजिक नीतियां बहुत मजबूत हुई हैं.
भारत की बढ़ती ताकत का चीन ने लोहा माना
इस लेख में भारत के विश्वगुरु बनने की महत्वाकांक्षा का भी जिक्र है. लेख के मुताबिक – भारत, सांस्कृतिक और राजनीतिक क्षेत्र में तेजी से पश्चिमी देशों में अपना दबदबा बना रहा है. इसमें यूक्रेन-रूस के मसले पर भारत के रूख की भी तारीफ की गई है. हालांकि इस लेख के पीछे चीन की कोई साजिश या छिपा मकसद भी हो सकता है. लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि उसने भारत की बढ़ती ताकत का लोहा मान लिया है.
बिरयानी बनाने से पहले हिंदू लड़की ने क्यों पढ़ी नमाज ? – Anju Pankaj