Skip to content
Anju Pankaj
Anju Pankaj

  • National
  • Politics
  • Religious
  • Sports
  • Video Gallery
  • Stories
  • Tours and Travel
  • Advertise
  • Blog
Anju Pankaj

क्या प्राचीन सऊदी अरब का हिंदू सभ्यता से कोई संबंध है ?

Anju Pankaj Desk, December 21, 2023December 21, 2023

हाल ही में सऊदी अरब में मिले कुछ अवशेषों ने दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा. राजधानी रियाद के दक्षिण-पश्चिमी इलाके अल-फॉ साइट (Site of AL-Faw) पुरातत्व विभाग को आठ हजार साल से ज्यादा पुराना मंदिर और करीब इतनी ही पुरानी यज्ञ वेदी ( Altars ) मिली. हैरानी की बात ये है कि कि यज्ञ वेदी मंदिर से उसी दिशा में है, जिस दिशा में भारत के हिंदू मंदिरों में होती है. यही नहीं यहां कई देवी-देवताओं के चित्र भी मिले हैं. चट्टानों को काट कर बनाए गए ये मंदिर प्राचीन काल में यहां के लोगों के अनुष्ठान और समारोहों का केंद्र था. माना जा रहा है कि ये बस्तियां नव पाषाण युग यानी 10 हजार ईसापूर्व से 2,200 ईसा पूर्व की रही होंगी. हालांकि मंदिर का ज्यादातर हिस्सा खत्म हो चुका है लेकिन पत्थर के अवशेष यहां मौजूद हैं. यहां मिले धार्मिक शिलालेख के आधार पर दावा किया जा रहा है कि यहां के लोग पूजा करते थे और उस जमाने में धर्म के प्रति उनकी समझ काफी ज्यादा थी.

महाराजा विक्रमादित्य का अरब से संबंध
उज्जैन के राजा विक्रमादित्य (57 ईसा पूर्व – 19 ईस्वी) ने भारतीय उपमहाद्वीप से बाहर अरब, मिस्र, इराक और इरान तक अपने राज्य को फैलाया था. दावा किया जाता है कि अरबी कवि जरहाम किनतोई ने अपनी किताब ‘सायर उल ओकुल’ में उनका जिक्र किया है. विक्रमसेन के नाम से भी प्रसिद्ध राजा विक्रमादित्य ने ही शकों को हराने के बाद (57 ईसा पूर्व में) विक्रम संवत और अपने दरबार में नौरत्नों की शुरुआत की थी.

हिंदू शब्द अरब से आया ?
कुछ इतिहासकारों का मानना है कि हिंदू शब्द का पहली बार उपयोग आठवीं शताब्दी में अरबों ने किया था. इन इतिहासकारों का दावा है कि फारसी में ‘स’ को ‘ह’ बोले जाने की वजह से भारतीय क्षेत्र में बहने वाली सिंधु नदी के आसपास रहने वालों को हिंदू कहा जाने लगा. लेकिन इस दावे पर सवाल किया जाता है कि अगर ‘स’ और ‘ह’ वाली दिक्कत थी तो सिंध, सिंधु और संस्कृत में भी ये बात लागू होनी चाहिए थी. इस दावे से अलग एक और दावा किया जाता है कि हिंदू शब्द का प्रथम जिक्र बार्ह-स्पत्य शास्त्र (लेखक- विशालाक्ष शिव) और बृहद संहिता (लेखक-वाराहमिहिर) में किया गया है. हालांकि इन ग्रंथों के लिखे जाने के समय को लेकर ज्यादा जानकारी नहीं मिलती.

अरब में बेटियों का नाम ‘हिंद’ क्यों ?
पिछले दिनों (जनवरी, 2023 में) दुबई के रॉयल फैमिली में राजकुमारी शेखा लतीफा ने अपनी बेटी के जन्म पर उसका नाम हिंद रखा. जब उन्होंने ट्वीट कर दुनिया को इसकी जानकारी दी तो अचानक ये चर्चा होने लगी कि आखिर बेटी का नाम हिंद ही क्यों रखा गया. हालांकि इसका सीधा संबंध हिंदू धर्म या उसकी किसी मान्यता से नहीं हैं. दरअसल, हिंद एक अरबी शब्द है.
ये शब्द अरब में इस्लाम के आने से पहले भी था. दरअसल, कुरैश जनजाति के एक नेता अबू सूफियान (मक्का में) की पत्नी का नाम हिंद बिन्त उतबा था. उहुद के युद्ध में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी. उन्हें उनकी बहादुरी के लिए अरब में याद किया जाता है. इसलिए लोग अपनी बेटियों के नाम हिंद रखते हैं.

सऊदी अरब के स्कूलों में पढ़ाई जा रही हिंदू संस्कृति
सऊदी अरब के स्कूलों के अब हिंदू महाकाव्य भी पढ़ाए जा रहे हैं. इनमें रामायण और महाभारत भी शामिल है. इसमें हिंदू धर्म की संस्कृति, योग और आयुर्वेद पर फोकस किया जाएगा. दरअसल सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिल सलमान अपने विजन 2030 के तहत सऊदी अरब में शिक्षा क्षेत्र में कुछ अहम बदलाव किए हैं.

National Religious hindu dharmaHindutavअरबअल-फॉफारसीरियादविक्रमादित्यसऊदी अरब में हिंदूसायर उल ओकुलसिंधसिंधुहिंदहिंद बिन्त उतबाहिंदुत्व

Post navigation

Previous post
Next post

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

©2025 Anju Pankaj | WordPress Theme by SuperbThemes