आम आदमी पार्टी सांसद स्वाति मालीवाल ने इंडिया ब्लॉक के नेताओं, खासकर राहुल गांधी और शरद पवार से इंसाफ दिलाने की मांग की है. उन्होंने इन नेताओं से मिलने का वक्त मांगा है. ऐसे में लोकसभा चुनाव के दौरान न्याय यात्रा निकालने वाले राहुल गांधी के सामने स्वाती मालीवाल का केस नई चुनौती के रूप में सामने आया है. हालांकि प्रियंका वाड्रा स्वाती मालीवाल का समर्थन कर चुकी है. उन्होंने हर हाल में उनके साथ खड़े रहने की बात कही थी.
जानकार ऐसा मानते हैं इंडिया गठबंधन के सामने ऐसी मांग रख कर स्वाती मालीवाल की कोशिश यह है कि अरविंद केजरीवाल को अलग-थलग किया जाए. लेकिन जिस तरह अरविंद केजरीवाल ने खुद इंडिया गठबंधन से दूरी बना ली है. उससे लगता नहीं कि स्वाती मालीवाल की मुहिम से उन्हें कोई खास असर पड़ने वाला है. अरविंद केजरीवाल इस केस में दो वर्जन होने की बात कह कर खुद को अलग कर चुके हैं. ऐसे में अगर उनके सामने विपक्षी गठबंधन के नेता दबाव बनाने की कोशिश करेंगे तो उनके लिए बच निकलने का रास्ता मौजूद है. वहीं आम आदमी पार्टी ने इस मामले में स्वाती मालीवाल पर बीजेपी का मोहरा बनने का आरोप लगाया था.
मुख्यमंत्री आवास पर पिटाई के मामले में स्वाती मालीवाल ने साफ कहा था कि घटना के वक्त केजरीवाल घर में ही थे. इसके साथ स्वाति मालीवाल ने कहा कि वो किसी को इस मामले में क्लीन चिट नहीं दे रहे हैं. स्वाती ने बताया कि वो 13 मई को सुबह 9 बजे के आस-पास मुख्यमंत्री केजरीवाल से मिलने के लिए उनके आवास पहुंची थीं. वहां स्टाफ ने उन्हें ड्राइंग रूम में बैठाया और कहा कि केजरीवाल घर पर हैं और मिलने आ रहे हैं. इसके बाद विभव कुमार आकर उनसे मारपीट शुरू कर देते हैं.
एक समाचार एजेंसी को दिए इंटरव्यू में उनसे जब पूछा गया कि क्या किसी खास वकील के लिए आपको राज्यसभा की सीट छोड़ने को कहा गया था. इस सवाल के जवाब में स्वाति मालीवाल ने कहा कि अगर उन्हें मेरी राज्यसभा की सीट वापस चाहिए थी तो वो प्यार से मांगते, मैं जान दे देती. सांसदी तो बहुत छोटी बात है. मैंने अपने पूरे करियर में कभी किसी पद की इच्छा नहीं की. साल 2006 में इंजीनियिरिंग की नौकरी छोड़कर मैं तब जुड़ी थी जब कोई जानता नहीं था किसी को. सिर्फ तीन लोग थे. उनमें से मैं एक थी. मैं तब से काम करती आ रही हूं. मैंने जमीन पर काम किया है. साल 2006 के बाद 2012 तक मैंने सारे ऑपरेशन किए हैं. मैं उन सबसे प्रमुख लोगों में से एक थी.
पहले ड्राइंग रूम में मारपीट, फिर निष्पक्ष जांच की मांग
स्वाती मालीवाल ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर सवाल उठाते हुए कहा था कि – मेरे शिकायत फाइल करते ही नेताओं और वॉलिंटियर की पूरी आर्मी मेरे पीछे लगाई गई. मुझे बीजेपी का एजेंट कहा गया. मेरा चरित्र हनन किया गया. एडिटेड वीडियो लीक किया गया. मेरी विक्टिम शेमिंग की गई. आरोपी के साथ घूमे, उसको क्राइम सीन पर दोबारा आने दिया और सबूतों के साथ छेड़छाड़ की गई. वो आरोपी के लिए खुद सड़क पर उतर गए और अब मुख्यमंत्री साहब जिनके ड्राइंग रूम में मुझे पीटा गया. वो कह रहे हैं कि उन्हें इस केस में निष्पक्ष जांच चाहिए. इससे बड़ी विडंबना क्या ही होगी. मैं इसे नहीं मानती. कथनी और करनी एक समान होनी चाहिए. (तस्वीर साभार – स्वाति मालीवाल के फेसबुक अकाउंट से साभार)