गीता उपदेश स्थली यानी हरियाणा के कुरुक्षेत्र में गीता जयंती के मौके पर 18 हजार स्कूल बच्चों ने सामूहिक गीता पाठ किया तो गीता का संदेश पूरे माहौल में गुंजाएमान हो उठा. इस दौरान पूरे हरियाणा के एक लाख से ज्यादा विद्यार्थी ऑनलाइन इस गीता पाठ से जुड़े हुए थे. अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2023 में गीता पाठ के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि गुजरात की तरह हरियाणा में भी इस साल से स्कूलों में 6th से बारहवीं कक्षा तक गीता की शिक्षाएं पढ़ाई जाएंगी. इस बार के गीता महोत्सव में राज्य पार्टनर असम था. इसलिए इस कार्यक्रम में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिश्वा भी मौजूद थे.
क्यों मनाई जाती है गीता जयंती ?
मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को गीता जयंती मनाई जाती है. मान्यता है कि आज ही के दिन महाभारत के युद्ध से पहले भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था. जिसमें उन्होंने प्रमुख रूप से अर्जुन के सामने धर्म और कर्म का अर्थ समझाते हुए युद्ध लड़ने को कहा था. क्योंकि युद्ध क्षेत्र में अपने ही लोगों के खिलाफ युद्ध लड़ने को लेकर अर्जुन के मन में तमाम दुविधा थी. श्रीकृष्ण ने गीता के उपदेश के जरिए अर्जुन की दुविधा को दूर किया. आज इतने सालों बाद भी गीता का ज्ञान उतना ही प्रासंगिक है और हम सभी को जीवन की तमाम दुविधाओं में रास्ता दिखाता है और कठिन हालात में सही फैसले लेने की क्षमता देता है. ये हमें कर्म की प्रधानता के साथ-साथ जीवन जीने का सलीका, सही-गलत का फर्क और मैनेजमेंट भी सिखाता है. गीता को वेद और पुराण का निचोड़ माना जाता है. चूंकि गीता का उपदेश खुद भगवान के श्रीमुख से अर्जुन को प्राप्त हुआ (जो बाद में महर्षि वेद व्यास के प्रयासों से दुनिया तक पहुंचा) इसलिए इसे बहुत पवित्र माना गया है. पूरे विश्व में श्रीमद्भगवतगीता की एक ऐसा ग्रंथ है, जिसकी जयंती मनाई जाती है.
भगवत गीता किसने लिखी थी ?
महर्षि वेद व्यास ने मन में ही महाभारत की रचना कर ली थी. वो चाहते थे कि वो बोलते जाएं और कोई उसे लिखता जाए. इसके लिए उन्होंने ब्रह्मा जी से विनती की. ब्रह्मा जी ने उन्हें गणेश जी से इस काम में मदद लेने की सलाह दी. गणेश जी ने इस शर्त पर राजी हो गए कि वो लिखते वक्त रुकेंगे नहीं. व्यास जी ने उनके सामने शर्त रखी कि लिखते वक्त श्लोक को लिखने से पहले उनका अर्थ समझना होगा. सहमति बनने पर गणेश जी ने महाभारत लिखी. जिसमें श्रीमद्भगवतगीता भी शामिल है.