केंद्र में मोदी सरकार के सहयोगी और आंध्र प्रदेश के नए मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने हिंदू धर्म की रक्षा की शपथ ली है. चौथी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद नायडू तिरुमाला पहुंचे थे. अपने परिवार और कुछ रिश्तेदारों के साथ पूजा-अचर्ना के दौरान उन्होंने तिरुपति-तिरुमाला प्रशासन को शुद्ध करने की भी शपथ ली. उन्होंने कहा कि वो शासन की शुद्धि की शुरुआत तिरुमाला से करेंगे. तिरुमाला को अपवित्र करना स्वीकार नहीं किया जाएगा. यहां केवल गोविंदा के नाम का जाप ही रहेगा.
जगन सरकार पर नायडू के आरोप
मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने पिछली जगन मोहन रेड्डी की सरकार पर आरोप लगाया कि उस दौरान वेंकटेश्वर मंदिर की देख रेख करने वाले तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम में अनियमितताएं फैला दी गईं जिसे अब वो दूर करेंगे. उन्होंने कहा कि पहले की सरकार ने तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम का व्यवसायीकरण कर दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी प्राथमिकता है कि प्रसाद की गुणवत्ता अच्छी हो. उसकी दरें बढ़ाई न जाएं और दर्शन के लिए ब्लैक मार्केट में टिकट नहीं बेचे जाएं. उन्होंने जगन सरकार पर आरोप लगाया कि उनकी वजह से यह धार्मिक स्थल नशेड़ियों और मांसाहारी भोजन का सेंटर बन गया है. इसे अब खत्म किया जाएगा.
2015-21 में मंदिरों में तोड़फोड़ की घटनाएं बनीं थी मुद्दा
आंध्र प्रदेश में साल 2015 से 2021 के बीच मंदिरों में तोड़फोड़ की घटनाएं सियासी मुद्दा बनीं थी. चंद्रबाबू नायडू ने तत्कालीन मुख्यमंत्री जगन रेड्डी की सरकार पर मंदिरों की सुरक्षा करने में नाकाम रहने का आरोप लगाया था. जगन सरकार पर तिरुमाला बस टिकट पर येरुशलम यात्रा के प्रचार प्रसार का आरोप लगा तो सरकार को टिकट वापस लेना पड़ा. जगन सरकार पर ये भी आरोप लगते हैं कि मंदिरों में तोड़फोड़ की इतनी ज्यादा घटनाओं के बाद भी किसी आरोपी को अभी तक सजा नहीं मिली है. गिरफ्तारी किए जाने पर उन पर मामूली धाराएं लगाई जाती हैं, जिससे वो आसानी से रिहा हो जाते हैं. (तस्वीर साभार – Nara Chandrababau Naidu फेसबुक पेज से साभार)