ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में हिंदू पक्ष को पूजा का हक मिलने के बाद गुरुवार सुबह पूजा-अर्चना की गई. इस तरह करीब 31 साल बाद ज्ञानवापी में पूजा-पाठ हुई. सुबह जब पूजा शुरू हुई तो काफी लोग ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में मौजूद थे. कोर्ट के आदेश के बाद रात में ही तहखाने से बैरिकेडिंग हटा दी गई थीं. पूजा के दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी. काशी विश्वनाथ ट्रस्ट बोर्ड को यहां पूजा-पाठ का जिम्मा सौंपा गया था. जिसके तहत विश्वनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी ओपी मिश्रा और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त निकालने वाले गणेश्वर द्रविड़ ने यहां पूजा-अर्चना करवाई.
ज्ञानवापी में सर्वे के दौरान जो मूर्तियां मिली थीं उन्हें पूजा और आरती कराई गई. इस तरह कोर्ट से आदेश आने के बाद सिर्फ 10 घंटे के अंदर व्यास तहखाने को खोला गया और कोर्ट के आदेश पर पूजा-पाठ कराने का इंतजाम कराया गया. मंदिर में पहले प्रायश्चित किया गया फिर क्षमा मांगी गई उसके बाद पूजा-अर्चना की गई. प्रशासन के मुताबिक अब दो से तीन दिनों में व्यास तहखाने के गेट सभी श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे.
वाराणसी जिला अदालत ने ज्ञानवापी केस में हिंदू पक्ष को व्यास तहखाने में पूजा-अर्चना का हक दे दिया है. इस आदेश के पालन के लिए अदालत ने प्रशासन को 7 दिन का वक्त दिया है. यानी हिंदू पक्ष को पूजा के लिए बैरिकेडिंग हटाकर रास्ता देने की व्यवस्था करने को कहा गया है. कोर्ट ने ये भी कहा कि वादी और काशी विश्वनाथ ट्रस्ट बोर्ड के पुजारी यहां पूजा करेंगे. ये तहखाना तथाकथित मस्जिद के नीचे है. जहां नवंबर 1993 तक पूजा-पाठ की जाती थी. अयोध्या में विवादित ढांचा गिराए जाने के बाद यहां ज्ञानवापी मस्जिद के चारों ओर बैरिकेडिंग लगा दी गई थी. इस वजह से यहां पूजा-पाठ भी रुक गया था. अब कोर्ट के आदेश के बाद तहखाने में पूजा-पाठ कराई गई.