अपने गुजरात दौरे के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरे समुद्र में डुबकी लगाते हुए प्राचीन द्वारका नगरी पहुंचे. प्रधानमंत्री मोदी ने समुद्र में डूब चुके शहर के दर्शन किए और भगवान कृष्ण की प्रार्थना की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि समुद्र में डूबी द्वारका नगरी में प्रार्थना करना बहुत ही दिव्य अनुभव था. मुझे आध्यात्मिक वैभव और शाश्वत भक्ति के एक प्राचीन युग से जुड़ाव महसूस हुआ. भगवान श्रीकृष्ण हम सभी को आशीर्वाद दें.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैंने द्वारकाधीश के सामने सिर झुकाया. मैं अपने साथ एक मोर पंख ले गया और उसे भगवान कृष्ण के चरणों में रख दिया. उन्होंने कहा कि वो हमेशा द्वारका नगरी जाने और प्राचीन शहर के अवशेष को छूने के लिए उत्सुक था. उन्होंने कहा कि आज दशकों पुराना उनका सपना पूरा हो गया है. वो आज भावनाओं से भर गए हैं. द्वारका नगरी के दर्शन से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के ओखा में बने सुदर्शन सेतु का लोकार्पण किया.
कैसे डूबी प्राचीन द्वारका नगरी?
महाभारत काल यानी द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने मथुरा छोड़ने के बाद द्वारका नगरी बसाई थी. जो उनकी मृत्यु के बाद समुद्र में विलीन हो गई. सालों बाद इसी द्वारका नगरी के खंडहर समुद्र में डूबे हुए शहर के खंडहरों के रूप में मिली. द्वारका नगरी के डूबे हुए खंडहर एक रोमांच पैदा करते हैं. जो दिखने में बेहद भव्य हैं. जो गुजरात के काठियावाड इलाके में अरब सागर में मौजूद है. मान्यता है कि इसका प्राचीन नाम कुशस्थली था. बाद में शहर में कई द्वार होने की वजह से इसका नाम द्वारका पड़ गया. (फोटो साभार – नरेंद्र मोदी के फेसबुक पेज से साभार)