दिल्ली में प्रेस क्लब के बाहर जुटे कई मीडिया संस्थानों से जुड़े मीडियाकर्मियों ने पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान मीडियाकर्मियों ने संदेशखाली में पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा रिपब्लिक बांग्ला टीवी न्यूज चैनल के पत्रकार को लाइव रिपोर्टिंग के दौरान गिरफ्तारी का विरोध किया. मीडियाकर्मियों ने ममता सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. प्रदर्शनकारी मीडियाकर्मियों के हाथ में तख्ती में में लिखा था- संदेशखाली का सच दिखाते रहेंगे. न – डरेंगे और न झुकेंगे, ममता दीदी-तानाशाही बंद करो, पत्रकार को रिहा करो. ममता बनर्जी तानाशाही नहीं चलेगी.
ममता सरकार के एक्शन से देश भर में नाराजगी
ममता सरकार द्वारा पत्रकार की गिरफ्तारी को लेकर मीडिया से जुड़े संस्थानों ने इसकी आलोचना की है.
प्रेस क्लब कोलकाता, नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट समेत कई संगठनों ने ममता सरकार के इस कदम को गलत बताया है. इनका कहना है कि पश्चिम बंगाल में अघोषित आपातकाल जैसी स्थिति है. एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने भी पत्रकार की गिरफ्तारी को चिंताजनक बताया. वहीं कई शहरों में इस घटना के विरोध में प्रदर्शन हुए हैं.
केंद्र सरकार ने भी घटना की निंदा की
सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने संदेशखाली में लाइव रिपोर्टिंग के दौरान पत्रकार की गिरफ्तारी को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आलोचना की है. अनुराग ठाकुर ने कहा कि पश्चिम बंगाल में महिलाओं के साथ बदसलूकी करने वाले गुंडों के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाए ममता बनर्जी सरकार मीडिया पर अंकुश लगा रही है. यह प्रेस की स्वतंत्रता को खत्म करने की कोशिश है. जो दुर्भाग्यपूर्ण है.
लाइव रिपोर्टिंग के दौरान गिरफ्तारी क्यों?
टीवी पर लाइव रिपोर्टिंग के दौरान पत्रकार की गिरफ्तारी को लेकर बीजेपी का कहना है कि आखिर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सच्चाई से इतनी डरी हुई क्यों हैं. ममता बनर्जी मीडिया की आवाज को दबाना चाहती हैं. बता दें कि राशन घोटाले में टीएमसी नेता शाहजहां शेख के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान ईडी की टीम पर हमला हुआ था. इस घटना के बाद से शाहजहां शेख फरार है. इस बीच संदेशखाली में महिलाओं ने शाहजहां शेख और उसके लोगों पर यौन शोषण और जमीनों पर कब्जे का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया. जिसके बाद से देश में संदेशखाली के सच पर चर्चा हो रही है.