मध्य प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र 19 जुलाई तक चलना था. लेकिन वह पांच दिन में ही खत्म हो गया. विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी. हालांकि इससे पहले बजट और चार विधेयक पारित हो गए. इस दौरान एक साथ अनुदान मांगों पर चर्चा के प्रस्ताव पर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया. उधर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मानसून सत्र के दौरान विपक्ष के विधायकों को बोलने का मौका नहीं देने का आरोप लगाया.
मध्य प्रदेश का कैसा रहा बजट?
मध्य प्रदेश में मोहन यादव सरकार ने अपने पहले पूर्ण बजट में प्रदेशवासियों के लिए कई बड़े एलान किए हैं. इस बजट में
पुलिस विभाग में सात हजार पांच सौ और स्कूल शिक्षा (खेल और संगीत समेत) के क्षेत्र में 11 हजार पदों पर भर्तियां की जाएंगी. साथ ही प्रदेश में होने वाली सभी प्रतियोगी परिक्षाओं की फीस अब राज्य सरकार भरेगी. प्रदेश में सरकारी सेवाओं में भर्ती के लिए होने वाली परीक्षाओं की फीस कम की जाएगी साथ ही इसके लिए नई नीति बनाई जाएगी. इसके अलावा बजट में प्रदेशवासियों पर कोई नया टैक्स (कर) नहीं लगाया गया है. हालांकि सरकार ने लाडली बहनों को हर महीने मिलने वाली राशि में इजाफा नहीं किया गया है. इस तरह इस योजना के तहत मिलने वाले 1250 रुपए मिलते रहेंगे.
बजट में इस बात का भी एलान किया गया है कि इस साल प्रदेश में 22 नए आईटीआई खोले जाएंगे. इससे आईटीआई में 5280 सीटों का इजाफा होगा. इसके साथ ही साथ नीमच, सिवनी और मंदसौर में सरकारी मेडिकल कॉलेज शुरू किए जाएंगे. वहीं मुरैना, सागर, बालाघाट, शहडोल, नर्मदापुरम में आयुर्वेदिक चिकित्सालय और 800 आयुष्य आरोग्य मंदिर शुरू किए जाएंगे. वहीं राम पथ गमन के स्थानों की पहचान कर उनका विकास किया जाएगा. इसके अलावा श्रीकृष्ण पाथेय योजना पर प्राथमिकता से काम होगा. बता दें कि वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने भारी हंगामे के बीच 3 लाख 65 हजार 67 करोड़ रुपए का बजट पेश किया.
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