अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बहिष्कार की घोषणा कर विपक्ष अपने ही फैलाए जाल में उलझा नजर आ रहा है. यही वजह है कि विपक्ष के कई नेताओं ने मंदिर का रुख कर लिया है. विपक्ष को इस बात का डर है कि कहीं उनका बचा-खुचा हिंदू मतदाता उनकी सच्चाई समझ गया तो उनकी थोड़ी बहुत बची दुकानदारी बंद हो जाएगी. विपक्ष की मुश्किल है कि उसे मुस्लिम मतदाताओं को दिखाने के लिए मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह का बहिष्कार करना पड़ा. तो अब हिंदू मतदाताओं को दिखाने के लिए मंदिर की चौखटों पर मत्था टेकना पड़ रहा है.
केजरीवाल करा रहे सुंदरकांड का पाठ
यही वजह है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुंदरकांड की याद आई. दिल्ली सरकार ने फैसला किया है कि पहले दिल्ली के सभी विधानसभा सीट पर फिर वार्ड और मंडल स्तर पर सुंदरकांड का पाठ कराया जाएगा. हालांकि केजरीवाल सरकार का कहना है कि सुंदरकांड का पाठ दिल्लीवासियों की भलाई के लिए कराया जा रहा है. जाहिर है कि इसके पीछे मंशा क्या है. इस तरह केजरीवाल अब बजरंगबली को धोखा देते नजर आ रहे हैं.
ममता को आई मंदिर की याद
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जिनके राज में हिंदुओं पर हमले होते हों और ममता खामोश रहती हों. वही ममता को अब मंदिर की याद आई है. 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह वाले दिन वो कोलकाता के कालीघाट मंदिर में काली माता की पूजा करने जाएंगी. उसके बाद वो राज्य में सद्भावना के लिए रैली निकालेंगी. लोग इसे प्राण प्रतिष्ठा के विरोध में किया गया कार्यक्रम न मान लें इसलिए ममता बनर्जी ने सफाई पहले ही पेश कर दी है. उनका कहना है कि उनके इस कार्यक्रम का अन्य किसी प्रोग्राम से कोई मतलब नहीं है. हालांकि ममता ये जरूर कहती हैं कि प्राण प्रतिष्ठा का काम साधु-संतों का है. यह काम हमारा नहीं है. हमारा काम तो आम लोगों के लिए बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराना है.
न्यौता ठुकरा कर पलटे अखिलेश?
कुछ दिन पहले प्राण प्रतिष्ठा समारोह का न्यौता ठुकराने के बाद समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने भी यू-टर्न ले लिया है. सोशल मीडिया x पर अखिलेश यादव ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव को संबोधित करते हुए लिखा है कि – समारोह के स्नेह निमंत्रण के लिए धन्यवाद और समारोह के सकुशल संपन्न होने की हार्दिक शुभकामनाएं. अखिलेश ने आगे लिखा कि हम प्राण प्रतिष्ठा समारोह के पश्चात सपरिवार दर्शनार्थी बनकर अवश्य आएंगे.