मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मोहन यादव सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने पीएसयू (सरकारी उपक्रमों) के घाटे को लेकर कैग की रिपोर्ट को लेकर प्रदेश सरकार पर सवाल उठाया है. सोशल मीडिया साइट एक्स पर जीतू पटवारी ने लिखा कि कर्ज लेकर घी से नहाने की नई परंपरा शुरू करने वाली बीजेपी सरकार की एक और बड़ी उपलब्धि सामने आई है. उन्होंने आगे लिखा कि मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कैग (भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक) ने मध्य प्रदेश सरकार को अपने सरकारी उपक्रमों की बदहाल स्थिति को लेकर कड़ी नसीहत दी है.
जीतू पटवारी ने सरकार को सलाह दी है कि सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठे रहने के बजाए इनके कामकाज की गंभीरता से समीक्षा करे या तो इन्हें बद कर दे या फिर सरकार इनके पुनरुद्धार के लिए कदम उठाए. प्रदेश के 41 निष्क्रिय और भारी घाटे वाले पीएसयू को लेकर कैग ने राज्य सरकार के मॉनिटरिंग मॉडल को कटघरे में खड़ा किया है.
सोशल मीडिया साइट एक्स पर जीतू पटवारी ने लिखा कि कैग की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश शासन के 74 पीएसयू हैं. इनमें से 61 सरकारी हैं. इनमें 41 पीएसयू ऐसे हैं जो निष्क्रिय हैं. यहां भी चौंकाने वाला सच यह है कि कुछ 3 साल से तो कुछ 33 साल से निष्क्रिय हैं. सर्वाधिक घाटे वाले उपक्रमों में मध्य प्रदेश की तीनों विद्युत कंपनियां हैं.