अयोध्या का जिक्र होता है तो पांडव स्मरण आते हैं, कृष्ण जब दुर्योधन को समझाने गए तो उन्होंने पांडवों के लिए सिर्फ 5 गांव मांगे लेकिन दुर्योधन वो भी देने को तैयार नहीं था. अयोध्या, काशी और मथुरा के साथ भी ऐसा ही हुआ. पांडवों ने 5 गांव मांगे लेकिन यहां हिंदू केवल तीन की बात कर रहे हैं. सिर्फ ये 3 इसलिए क्योंकि ये खास जगह हैं. ये धरती सामान्य नहीं बल्कि ईश्वर के अवतरण की जमीन है. ये बातें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान कही. इस दौरान उन्होंने विपक्ष से सवाल भी किया कि आखिर मथुरा, काशी और अयोध्या का विकास किस मंशा के साथ रोका गया.
‘लोकआस्था का अपमान हुआ, बहुसंख्यक गिड़गिड़ाता रहा’
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश में लोक आस्था का अपमान हुआ और बहुसंख्यक समाज गिड़गिड़ता रहा. यह विश्व में कहीं नहीं हुआ. योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि अयोध्या में जो हुआ यह काम आजादी के बाद फौरन हो जाना चाहिए था. अयोध्या का उत्सव लोगों ने देखा तो नंदी बाबा ने कहा कि हम क्यों इंतजार करें. इंतजार किए बगैर रात में बैरिकेड तोड़वा डाले. अब हमारे कृष्ण कन्हैया कहां मानने वाले हैं. उन्होंने कहा कि विदेशी आक्रमणकारियों ने सिर्फ हमारे देश की संपत्ति नहीं लूटी बल्कि हमारी आस्था को कुचलने का काम किया. लेकिन स्वतंत्रता मिलने के बाद इन्ही आक्रमणकारियों को वोटबैंक के लिए महिमामंडित भी किया गया.
‘भगवान ने खुद अपने अस्तित्व के लिए सबूत जुटाए’
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, यह विश्व की पहली ऐसी घटना है, जब भगवान को खुद अपने अस्तित्व के लिए सबूत जुटाने पड़े. लेकिन भगवान राम की मर्यादा हमें धैर्य की प्रेरणा देती है. उन्होंने कहा कि हमें खुशी है कि हमने मंदिर वहीं बनाया, हमने वचन निभाया. हम केवल बोलते नहीं हैं, करते भी हैं. हमने जो कहा, वो करके दिखाया. हमने संकल्प की सिद्धि की. (तस्वीर साभार – Yogi Adityanath के X अकाउंट से साभार)