यूपी के बरेली में मार्च, 2010 को हुए दंगों के मामले में कोर्ट ने मौलाना तौकीर रजा को दंगों का मास्टरमाइंड माना है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने इस मामले में कोर्ट ने उनके खिलाफ समन जारी किया है. यही नहीं कोर्ट ने तत्कालीन पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों पर सख्त टिप्पणी की. अब समन जारी होने के बाद मौलाना तौकीर रजा को 11 मार्च को कोर्ट में पेश होना है.
हिंदू बहुल इलाके में घुसकर लूटपाट और आगजनी
तौकीर रजा के भड़काऊ भाषण से बरेली में तनाव बढ़ गया था. इसके बाद समुदाय विशेष के लोगों ने हिंदू बहुल इलाके की दुकानों और कई घरों में लूटपाट और आगजनी की. यही नहीं एक थाने और पेट्रोल पंप को भी आग के हवाले कर दिया गया. यही नहीं थाने के अंदर बने मंदिर की मूर्तियों को भी तोड़ दिया गया. इस दंगे के बाद 10 दिन से ज्यादा तक बरेली में कर्फ्यू लगाना पड़ा. स्थानीय लोगों का कहना है कि हिंदुओं के जलते घरों को बुझाने के लिए आई दमकल की गाड़ियों को भी आने से रोका गया.
कट्टरपंथियों के दबाव में आ गई थी मायावती सरकार?
ऐसा दावा किया जाता है कि इस मामले में तौकीर रजा की गिरफ्तारी के बाद उस वक्त की मायावती सरकार को मुस्लिम समाज का वोट नहीं मिलने की धमकी दी गई. जिसके बाद सिर्फ 3 दिन में तौकीर रजा को रिहा कर दिया गया और चार्जशीट में उसका नाम भी नहीं डाला गया.
अभी हाल ही में तौकीर रजा के बयान के बाद बरेली में हुआ था तनाव
मौलाना तौकीर रजा खान का जिसके बयान के बाद यूपी के बरेली में अलर्ट जारी करना पड़ा. बरेली में तौकीर रजा ने जेल भरो आंदोलन और सामूहिक गिरफ्तारी का आह्वान किया था. जिसके बाद बड़ी संख्या लोग सड़कों पर उतर आए. तौकीर रजा ने कहा था कि अब किसी बुल्डोजर को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. अगर हम पर अटैक होता है तो हम उसको जाने से मार देंगें. अपनी हिफाजत हम खुद करेंगे. हमें कानूनी अधिकार है.
प्रदर्शन के दौरान तौकीर रजा और पुलिस अधिकारियों के बीच जमकर बहस भी हुई. उनके समर्थकों ने नारेबाजी, पथराव और तोड़फोड़ भी की. इस वजह से डरे व्यापारियों ने बाजार बंद कर दी. कुछ जगहों पर उपद्रवियों ने हिंदू लड़कों से मारपीट भी की. नारेबाजी के दौरान उपद्रवियों ने प्रधानमंत्री और देश की अदालतों के लिए गलत शब्दों का भी इस्तेमाल किया.