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राम को काल्पनिक बताने वाले कपिल सिब्बल बने ‘रामभक्त’?

Anju Pankaj Desk, January 20, 2024January 20, 2024

पिछले कई दिनों से राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल और जम्मूकश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला के बीच हुई बातचीत खूब चर्चा में है. इस वीडियो में फारुख अब्दुल्ला, कपिल सिब्बल के साथ राम के चरित्र, उनके त्याग और उनकी जीवन पर चर्चा करते दिखाई दे रहे हैं. इस वीडियो में कपिल सिब्बल, फारुख अब्दुल्ला से राम के भजन गाने को कहते हैं तो फारुख अब्दुल्ला भजन भी गाते हैं. फारुख अब्दुल्ला पहले भी ऐसी बातें करते रहे हैं इसलिए उनपर हैरानी नहीं होती. लेकिन कपिल सिब्बल का राम के प्रति प्यार समझ के बाहर है. जिस शख्स ने श्रीरामजन्मभूमि केस में रामलला के खिलाफ केस लड़ा हो, जिसने राममंदिर निर्माण की राह में सिर्फ बाधा ही पैदा की हो. उसके श्रीमुख से ऐसी बातें सुनकर हर हिंदू उनपर सिर्फ हंसेगा.

सेतुसमुद्रम प्रोजेक्ट में राम के अस्तित्व को ही नकारा था
आज भले ही कपिल सिब्बल को सबसे ज्यादा राम की चिंता हो रही हो. लेकिन कपिल सिब्बल ही वह शख्स से जिनके नेतृत्व में यूपीए सरकार (गठबंधन की अगुवा थी कांग्रेस)भगवान राम को काल्पनिक बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दिया था. दरअसल, जुलाई 2005 में मनमोहन सिंह सरकार ने सेतुसमुद्रम परियोजना की शुरुआत की. जिसके लिए रामसेतु की संरचना को तोड़ा जाना था. मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो 2007 में मनमोहन सरकार ने पुरातत्व विभाग की रिपोर्ट के आधार पर हलफनामा दिया कि रामसेतु एक नेचुरल स्ट्रक्चर है. इसके मानव निर्मित होने के सबूत नहीं हैं. इस हलफनामे में रामायण के पौराणिक चरित्रों के अस्तित्व को खारिज कर दिया गया. यानी श्रीराम को काल्पनिक बताया गया. विवाद बढ़ा तो फरवरी, 2008 में मनमोहन सरकार को नया हलफनामा सुप्रीम कोर्ट में पेश करना पड़ा.

राम मंदिर सुनवाई केस में घिरे थे कपिल सिब्बल
बात दिसंबर, 2017 की है. सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले पर सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने सुनवाई को अटकाने की कोशिश की. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में इस केस की सुनवाई लोकसभा चुनाव के बाद यानी जुलाई 2019 में कराने की दलील दी. इस दलील पर जब घिरने लगे तो सुन्नी वक्फ बोर्ड ने उनकी दलील से असहमति जताई. इस पर खुद को घिरता देख कपिल सिब्बल ने सफाई दी कि वह सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील नहीं हैं. जबकि कोर्ट के कागजों में कपिल सिब्बल सुन्नी वक्फ बोर्ड के ही वकील थे.

मंदिर निर्माण से पहले सिब्बल के आत्मदाह के दावे का सच
अयोध्या में जैसे-जैसे श्रीराम के भव्यमंदिर का निर्माण कार्य संपन्न हो रहा है. उधर सोशल मीडिया पर कपिल सिब्बल को लेकर एक स्क्रीन शॉट वायरल हो रहा है. जिसमें कपिल सिब्बल के एक पोस्ट को दिखाया जा रहा है कि जिसमें सिब्बल की फोटो के साथ लिखा है कि – मैं आज भी अपनी बात पर कायम हूं और राम मंदिर निर्माण से पहले आत्मदाह करूंगा. हालांकि कपिल सिब्बल ने इस पोस्ट को झूठी बताया है. लेकिन कपिल सिब्बल का श्रीराम और उनके मंदिर के प्रति विशेष प्रेम दुनिया को पता है. यही वजह है कि इस तरह के झूठे पोस्ट के जरिए ही सही उनके योगदान को याद किया जा रहा है. जाहिर है कपिल सिब्बल के योगदान को हिंदू समाज हमेशा याद रखेगा.

(Image Source – PTI)

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