पूरे देश की तरह यूपी में बरेली के सिरौली इलाके में एक परिवार खुशियां मना रहा था. प्रधानमंत्री मोदी की अपील पर इस परिवार ने भी घर में राम ज्योति जलाई और दिवाली मनाने में व्यस्त था. घर के बाहर आतिशबाजी कर रहे इन लोगों को बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि उनकी खुशियां कुछ लोगों को बिल्कुल नहीं भा रही हैं. मोहल्ले के ही मुस्लिम युवकों ने आतिशबाजी पर एतराज जताया. कहासुनी बढ़ी तो इन लोगों ने परिवार पर हमला कर दिया. हमलावरों ने बच्चे और महिला को भी नहीं बख्शा. ये लोग उन्हें बुरी तरह पीटते रहे.
परिवार के लोग जब जान बचाकर घर के अंदर घुस गए तो हमलावर घर में भी घुस आए और इन लोगों को पीटना जारी रखा. शोर सुन कर आए मोहल्ले के लोग बचाने आए तो हमलावरों ने उन पर भी हमला किया. मुश्किल से मोहल्ले वालों ने इनसे पीड़ित परिवार को बचाया. आरोपियों ने परिवार को जान से मारने की धमकी भी दी. फिलहाल थाने में पीड़ित परिवार की शिकायत पर आरोपियों (शावेज, वसीम, सहाना, सुहेल, कयूम और दानिश) के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है. बरेली में ऐसी दो और घटनाओं की सूचना है. जिसमें मंदिर निर्माण की खुशी मना रहे लोगों पर हमले किए गए.
ऐसे में सवाल उठता है कि क्या हिंदू को अपने मंदिर निर्माण की खुशी का इजहार करने का भी हक नहीं है. क्या खुशियां मनाने हिंदुओं पर पथराव कर रहे या हमला कर रहे लोगों को सुप्रीम कोर्ट के फैसले की जानकारी नहीं है. या फिर वो सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान नहीं करते. लंबे संघर्ष के बाद आज हिंदुओं को उनके आराध्य के दोबारा टेंट से मंदिर में विराजमान होने की खुशी है तो वो उसका इजहार तो करेगा. जिन्हें इस बात से दिक्कत है उन्हें भी कोर्ट के फैसले का सम्मान करना होगा. (तस्वीर- ईटीवी भारत से साभार)