विदेशी आक्रमणकारी भारत में घुसने के बाद मंदिरों को तोड़ते हुए, कत्लेआम और लूटपाट करते थे. लेकिन वो तमाम कोशिश के बाद भी दक्षिण के राज्यों में दाखिल नहीं हो पाते थे. इस वजह से उत्तर भारत के कई बड़े मंदिर तो तोड़ दिए गए. लेकिन दक्षिण भारत खासकर तमिलनाडु को खूबसूरत मंदिरों के लिए जाना जाता है. वहां मंदिर सुरक्षित रहे. लेकिन तमिलनाडु की डीएमके सरकार यानी स्टालिन सरकार जो अपने हिंदू विरोधी रूप के लिए करुणानिधि के समय से जानी जाती है. वो सरकार हिंदू मंदिरों के कायदे कानूनों में जबरन दखल बढ़ा रही है. इसके लिए वो मंदिरों में पुजारियों की नियुक्ति,
‘हर परंपरा में न घुसे सरकार’
सितंबर, 2023 में तमिलनाडु की एमके स्टालिन सरकार को पहले भी मंदिरों में पुजारियों की नियुक्ति में सरकारी दखल पर फटकार लगाई थी. कोर्ट ने साफ कहा था कि सरकार जबरन किसी भी परंपरा में घुसने की कोशिश ना करे. इससे पहले मद्रास हाईकोर्ट को कहना पड़ा था कि आगमिक मंदिरों पर सरकार की गाइडलाइंस लागू नहीं होती. अखिल भारतीय आदि शैव शिवाचार्यर्गल सेवा एसोसिएशन ने सरकार पर आरोप लगाया कि मद्रास हाईकोर्ट के फैसले के बाद भी राज्य की स्टालिन सरकार मनमानी कर रही है और संप्रदाय के बाहर के लोगों की नियुक्ति कर रही है.
खुद प्रधानमंत्री मोदी भी लगा चुके हैं आरोप
अक्टूबर, 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तेलंगाना में तमिलनाडु के मंदिरों का मुद्दा उठाया था. उन्होंने कहा था कि तमिलनाडु के मंदिरों पर सरकार का कब्जा है. सरकार साजिश के तहर उन्हें अपने नियंत्रण में ले कर, मंदिर की संपत्तियों को जब्त कर रही है. लेकिन अल्पसंख्यकों के पूजा स्थलों को कोई भी हाथ नहीं लगाता. उन्होंने स्टालिन सरकार से सवाल किया कि क्या राज्य सरकार अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों का प्रबंधन अपने हाथ में ले सकती है. प्रधानमंत्री मोदी से पहले 2021 में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी तमिलनाडु में मंदिरों को सरकारी निगरानी से स्वतंत्र करने की वकालत की थी.
स्टालिन सरकार के निशाने पर गुरु जग्गी वासुदेव
दरअसल आध्यात्मिक गुरु जग्गी वासुदेव ने भी और लोगों की तरह मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराने की बात कही थी. इसलिए उन्हें फँसाने की कवायद की जा रही है. उनकी संस्था ईसा फाउंडेशन के खिलाफ साजिशें रची जा रही हैं. क्योंकि सद्गुरु जग्गी वासुदेव के प्रवचन और हिंदू आस्था और विचार को वैज्ञानिक आधार के साथ लोगों को समझाते हैं. उससे उनकी फैन फॉलोइंग बढ़ी है. लोगों का हिंदू धर्म में विश्वास बढ़ा है. इससे तमिलनाडु में धर्मपरिवर्तन का धंधा चौपट हुआ है. इस तरह सद्गुरु तमिलनाडु में हिंदू विरोधियों की राह में रोड़ा है. इसलिए उन्हें परेशान करने की कोशिश की जा रही है.