Skip to content
Anju Pankaj
Anju Pankaj

  • National
  • Politics
  • Religious
  • Sports
  • Video Gallery
  • Stories
  • Tours and Travel
  • Advertise
  • Blog
Anju Pankaj

वो मंजर, जब अयोध्या में कारसेवकों पर चली थीं गोलियां

Anju Pankaj Desk, January 9, 2024January 9, 2024

घटना 1992 के विवादित ढांचे को गिराए जाने से 2 साल पहले की है. 30 अक्टूबर 1990 को कारसेवक और साधु-संतों की बेकाबू भीड़ अयोध्या में हनुमानगढ़ी की ओर बढ़ रही थी. जैसे ही भीड़ बैरिकेडिंग का हिस्सा तोड़ कर विवादित ढांचे की ओर बढ़ने लगी तो लखनऊ से (मुख्यमंत्री मुलायम सिंह के आदेश पर )फायरिंग के आदेश आ गए. पुलिस ने निहत्ते कारसेवकों पर फायरिंग कर दी. जिसमें कई कारसेवकों की मौत हो गई. एक नवंबर को इन कारसेवकों का अंतिम संस्कार किए जाने के बाद 2 नवंबर को फिर कारसेवकों की भीड़ आगे बढ़ी तो दोबारा फिर फायरिंग की गई. इस बार भी कई कारसेवकों की मौत हो गई, कई घायल हो गए.

मुलायम सिंह को नहीं था फायरिंग के आदेश देने का अफसोस

इस घटना के सालों बाद साल 2016 में अपने एक भाषण में मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि – अगर वो मस्जिद गिर जाने देते तो हिंदुस्तान का मुसलमान महसूस करता कि हमारे धार्मिक स्थल भी नहीं रहेंगे तो इस देश की एकता के लिए खतरा होता. उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि अगर 16 जानें तो कम थीं अगर 30 जानें जाती तो देश की एकता के लिए मैं अपना फैसला वापस नहीं लेता.

6 दिसंबर 1992 को लाखों रामभक्तों ने अयोध्या का इतिहास बदल दिया
कारसेवकों पर फायरिंग की इस घटना के 2 साल बाद यानी 6 दिसंबर, 1992 को पूरे देश से आए लाखों कारसेवकों में कुछ लोगों की भीड़ ने अयोध्या में विवादित ढांचा, जिसे बाबरी मस्जिद भी कहा जाता है. उसके गुंबद को तोड़ दिया था. इस दिन पूरी अयोध्या नगरी में जय श्री राम और राम लला हम आएंगे मंदिर वहीं बनाएंगे के नारे सुनाई पड़ रही थी. जो यहां भगवान राम की जन्मस्थली पर मंदिर निर्माण के लिए सांकेतिक नींव रखने (प्रतीकात्मक कार सेवा) के इरादे से अयोध्या पहुंची थी. लेकिन यहां मौजूद बहुत सारे लोगों को इस बात का एहसास नहीं था कि यहां इतनी बड़ी घटना हो जाएगी. सुबह करीब पौने बारह बजे फैजाबाद के आला अधिकारियों ने विवादित परिसर का दौरा किया. तब तक सब कुछ सामान्य था. लेकिन थोड़ी ही देर में भीड़ बढ़ती गई. कहा जाता है कि दोपहर को अचानक माहौल तब बदल गया. जब एक कार सेवक गुंबद तक पहुंच गया. कुछ ही देर में यहां का माहौल बदल गया और किसी का भी उत्साहित भीड़ पर कोई नियंत्रण नहीं रहा. वहां मौजूद कार सेवकों की भीड़ तोड़ने के कुछ सामान के साथ विवादित स्थल में प्रवेश कर गई.

इस भीड़ ने गुंबद पर कब्जा कर लिया और करीब दो घंटे में ढांचे को ध्वस्त कर दिया. इस घटना के दौरान वरिष्ठ बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, विनय कटियार और उमा भारती जैसे कई नेता भी अयोध्या में मौजूद थे. इन वरिष्ठ नेताओं की अपील का इस भीड़ पर कोई असर नहीं था. इससे उलट ऐसा दावा भी किया जाता है कि विवादित ढांचे को गिराने का प्लान पहले से बना हुआ था. उस वक्त केंद्र में कांग्रेस की नरसिम्हा राव सरकार, उत्तर प्रदेश में कल्याण सिंह सरकार थी. सुप्रीम कोर्ट की ओर से विवादित स्थल में निर्माण कार्य पर पाबंदी लगा रखी थी. मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने अदालत को उसके आदेश के पालन का भरोसा दिया था. लेकिन कारसेवकों की भीड़ ने कुछ और ही ठान रखी थी. घटना के बाद, केंद्र सरकार ने कल्याण सिंह सरकार को बर्खास्त कर दिया. इस घटना के बाद मुंबई समेत देश के कई हिस्सों में सांप्रदायिक हिंसा हुई. इस घटना का बदला लेने के लिए दाऊद इब्राहिम ने मुंबई हमलों की साजिश रची. मुंबई में 12 मार्च को एक साथ हुए 12 से ज्यादा बम धमाकों में 257 लोगों की मौत हुई और 700 से ज्याद लोग जख्मी हुए. उधर पाकिस्तान में इस घटना के बाद कई मंदिर तोड़ दिए गए.

जानकार कहते हैं कि इस घटना ने देश की राजनीति की दिशा को बदल दिया. विध्वंस के 10 दिन बाद इस घटना की जांच के लिए लिब्राहन आयोग बनाया गया. जिसने 17 साल बाद जून 2009 में अपनी रिपोर्ट सौंपी, जिसमें कहा गया कि विवादित ढांचे को गहरी साजिश से गिराया गया है. आयोग ने इसमें शामिल लोगों पर केस चलाने की सिफारिश की. लंबी सुनवाई के बाद, 9 नवंबर, 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या के मामले में फैसला हिंदुओं के पक्ष में सुनाया. साथ ही कोर्ट ने सरकार से मुस्लिम पक्ष को अलग से पांच एकड़ जमीन देने का आदेश दिया. फैसले में कोर्ट ने कहा कि भारतीय पुरातत्व विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक विवादित जमीन पर पहले से मंदिर होने के सबूत हैं.

National Hindutavअखिलेश यादवअयोध्या धामउत्तर प्रदेशकारसेवकों पर फायरिंगमुलायम सिंहराममंदिररामललाहिंदुत्व

Post navigation

Previous post
Next post

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

©2025 Anju Pankaj | WordPress Theme by SuperbThemes