राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि सनातन धर्म, सदा अटल है और हमेशा ही अटल रहेगा. उन्होंने कहा कि हिंदू समाज में अलग-अलग दौर में कुछ विसंगतियां आती हैं और वो एक वक्त के साथ खत्म भी हो जाती हैं. मोहन भागवत ने आगे कहा कि सनातन धर्म हमेशा आम लोगों के कल्याण की बात प्रमुखता से करता है. उन्होंने कहा कि सृष्टि का कल्याण केवल सनातन में है. मोहन भागवत ने ये बातें हरिद्वार में आचार्य महामंडलेश्वर के पच्चीस साल पूरे होने के मौके पर हुए कार्यक्रम में कही. उन्होंने कहा कि समाज पर भाषण का नहीं बल्कि आचरण का प्रभाव पड़ता है.
मोहन भागवत अक्सर सनातन धर्म और हिंदुत्व पर अपने विचार रखते हैं. उनकी बातें इसलिए अहमियत रखती हैं क्योंकि वो कई दफे हिंदुओं को सही आचरण का पाठ भी पढ़ाते हैं. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख होने के नाते भी उनकी बात की अहमियत बढ़ जाती है.
‘गाय को कटने के लिए हिंदू ही भेजते हैं’
पिछले दिनों मथुरा में एक कार्यक्रम के दौरान मोहन भागवत ने कहा कि गाय को कटने के लिए कसाई के पास हिंदू ही भेजते हैं. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में सबसे अधिक गायें काटी जाती हैं, जो हिंदुओं के घरों से वहां पहुंचती हैं. इन गायों को ले जाने वाले भी हिंदू होते हैं. उन्होंने सवाल किया कि गाय को माता कहने वाले हिंदू बेटे का यही कर्तव्य है.
‘हिंदुओं को साथ आना होगा, साथ रहना होगा’
थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में तीसरी विश्व हिंदू कांग्रेस को अपने संबोधन में मोहन भागवत ने पूरे विश्व के हिंदुओं से एक दूसरे से जुड़ने की अपील की. उन्होंने कहा कि हमें हर हिंदू तक पहुंच कर उससे जुड़ कर उसे अपनी ओर लाना होगा. मोहन भागवत ने कहा लड़खड़ा रहा विश्व हिंदुत्व की ओर निहार रहा है. ऐसे में हमें वसुधैव कुटुम्बकम की भावना का प्रसार करते हुए एक साथ रहना होगा.
‘हिंदुत्व, सभी को अपनाने वाला दर्शन है’
मोहन भागवत का कहना है कि कितना अर्जित (कमाया) किया, प्रतिष्ठा इसमें नहीं, बल्कि कितना बांटा इसमे है. मुक्ति यानी मोक्ष और दूसरों के कल्याण के कार्य करना ही हिंदू समाज का दर्शन रहा है. इस तरह सभी को अपनाने वाला दर्शन ही हिंदुत्व है. इसी सोच की बुनियाद पर हमारे राष्ट्र का निर्माण हुआ है. देश के संविधान की प्रस्तावना हिंदुत्व की मूल भावना है.
‘जल्द आकार लेगा अखंड भारत’
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत अखंड भारत (United India)की वकालत करते हैं. उनका कहना है कि आने वाले कुछ साल में अखंड भारत साकार होगा. एक छात्र से उन्होंने कहा कि अखंड भारत कब तक वास्तविकता में आकार लेगा वो ठीक-ठीक तो नहीं बता सकते लेकिन अगर इसके लिए प्रयास होते रहें तो आपके बुजुर्ग होने से पहले संभव है कि ये हो जाए. क्योंकि अलग हुए कुछ राष्ट्रों को अब महसूस होता है कि उन्हें अखंड भारत (United India)में ही होना चाहिए था.