उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने समान नागरिक संहिता (UCC) लाने की तैयारी पूरी कर ली है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि इसका मसौदा तैयार कर रही कमेटी अपना ड्राफ्ट 2 फरवरी को सौंपेगी. इस पर आने वाले विधानसभा सत्र में विधेयक लाया जाएगा. राज्य सरकार ने उम्मीद जताई है कि आगामी बजट सत्र में समान नागरिक संहिता का कानून पास हो जाएगा और इसके बाद यह लागू हो जाएगा. समान नागरिक संहिता को लेकर एक बार फिर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि – एक भारत, श्रेष्ठ भारत के विजन और चुनाव से पूर्व उत्तराखंड की देवतुल्य जनता के समक्ष रखे गए संकल्प और उनकी आकांक्षाओं के अनुरूप हमारी सरकार प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू करने हेतु सदैव प्रतिबद्ध रही है.
मुख्यमंत्री धामी की प्रतिबद्धता इस बात से साफ झलकती है कि 2 फरवरी को ड्राफ्ट सौंपे जाने की वजह से उन्होंने कैबिनेट के साथ अयोध्या के राममंदिर का प्रस्तावित दौरा रद्द कर दिया है. कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद इसे विधि, वित्त और न्याय विभाग के पास भेजा जाएगा. जो इसके हर पहलू पर विचार करेंगे. उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करना धामी सरकार की प्राथमिकता है. जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई (सेवा निवृत्त) की अध्यक्षता में गठित समिति ने मसौदा तैयार कर लिया है. माना जा रहा है कि इस मसौदे में लैंगिक समानता, सभी धर्मों के अनुयायियों को समान अधिकार देने की सिफारिश की गई है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान उत्तराखंड में यूसीसी लागू करने का वादा किया था. सरकार बनने के साथ ही हुई पहली कैबिनेट की बैठक में सबसे पहला फैसला समान नागरिक संहिता (UCC)को लेकर किया गया. फिर 27 मई, 2022 को इस मसले पर विशेषज्ञ समिति बनाई गई. इस समिति का कार्यकाल कई बार बढ़ाया भी गया. अब लोकसभा चुनाव से पहले समान नागरिक संहिता (UCC)लागू करने का वादा पूरा करने की कोशिश की जा रही है. (तस्वीर साभार – मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के X अकाउंट से साभार)