चुनाव खत्म होते ही कांग्रेस ने एक बार फिर सैम पित्रोदा को ओवरसीज कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया है. चुनाव के दौरान उनके एक बयान से कांग्रेस की काफी फजीहत हुई थी. जिसके बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी बहाली को लेकर पहले ही भविष्यवाणी कर दी थी. प्रधानमंत्री ने कहा था कि उनसे भले ही इस्तीफा दिलवा दिया गया है. लेकिन कुछ दिनों बाद उन्हें फिर उनके पद पर बहाल कर दिया जाएगा. इस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भविष्यवाणी सच साबित हुई.
एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में उन्होंने भारतीयों के नस्ल को लेकर ज्ञान दिया था. इस इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि – हम भारत जैसे विविधता वाले देश को एक साथ रख सकते हैं, जहां ईस्ट के लोग चीनी, वेस्ट के अरेबियन, नॉर्थ के श्वेत और साउथ के अफ्रीकन जैसे दिखते हैं. उनके इस बयान के के बाद कांग्रेस, बीजेपी के निशाने पर आ गई. इसके बाद कांग्रेस ने सैम पित्रोदा के बयान से खुद को अलग कर लिया. वहीं विवाद बढ़ता देख कर सैम पित्रोदा ने इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के चेयरमैन के पद से इस्तीफा दे दिया था. अब चुनाव के बाद उन्हें दोबारा पद पर बहाल कर दिया गया है.
सैम पित्रोदा अक्सर अपने बयानों से कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ाते रहे हैं. लेकिन कांग्रेस का उनसे मोह भंग नहीं हो रहा है. पिछले दिनों इन्हेरिटेंस टैक्स (विरासत टैक्स) को लेकर उनका बयान कांग्रेस की मुश्किल बढ़ा चुका है. इन्हेरिटेंस टैक्स पर कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने कहा था कि अमेरिका में अगर किसी के पास 10 करोड़ डॉलर की संपत्ति है तो उसके मरने के बाद बच्चों को सिर्फ 45 प्रतिशत संपत्ति ही मिलेगी और बाकी 55 प्रतिशत सरकार ले लेती है. उन्होंने कहा कि भारत में ऐसा कोई कानून नहीं है. यहां अगर किसी के पास 10 अरब रुपए की संपत्ति है तो मरने के बाद उसके बच्चों को सारी संपत्ति मिल जाती है, पब्लिक के लिए कुछ बचता नहीं है. उनके इस बयान के बाद बीजेपी ने कांग्रेस पर विरासत टैक्स लाने लगाने की योजना पर काम करने का आरोप लगाया.
इससे पहले वो सिख विरोधी दंगे, मिडिल क्लास के टैक्स, बालाकोट एयर स्ट्राइक पर सवाल उठाने पर आलोचना के शिकार हुए हैं. इसके अलावा उन्होंने राम मंदिर को लेकर एक विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि भारत में बेरोजगारी, महंगाई और शिक्षा जैसी समस्याओं के बारे में कोई बात ही नहीं करता. हर कोई राम, हनुमान और मंदिर की बात करते हैं. मंदिर बनाने से आपको रोजगार नहीं मिलेगा. (तस्वीर साभार – सैम पित्रोदा फेसबुक पेज से साभार)