अमेरिका में हिंदुओं को लेकर एक बड़ा फैसला लिया गया है. यहां हिंदुओं की सुरक्षा के लिए और वहां की पार्लियामेंट में उनके हितों की रक्षा से जुड़े मसलों को उठाने के लिए कॉग्रेसनल हिंदू कॉकस बनाया गया है. इसे युनाइटेड स्टेट में हिंदुओं (भारतीय समुदाय) के बढ़ते प्रभाव के रूप में देखा जा रहा है. कॉग्रेसनल हिंदू कॉकस का मकसद यहां रह रहे हिंदुओं के विरुद्ध होने वाले भेदभाव और उनसे नफरत के भाव को समाप्त करना है. ये कॉकस यहां हिंदुओं और संसद में नीतियों का निर्माण करने वालों के बीच रिलेशन और मजबूत करने का काम करेगा. इस कॉकस में भारत, नेपाल समेत दूसरे देशों के हिंदू भी शामिल होंगे. साथ ही भारत से जुड़े दूसरे धर्मों के प्रतिनिधि भी इस कॉकस में होंगे.
अमेरिकी संसद में रिपब्लिक पार्टी के सांसद पीटर सेशंस ने कहा कि इन कॉकस (Congressional Hindu caucus) के जरिए अमेरिकी पार्लियामेंट में हिंदुओं की बात अब ज्यादा सुनी जाएगी. साथ ही साथ उनसे जुड़े मसलों को तवज्जो मिलेगी. उन्होंने कहा कि अब अमेरिकी संसद यहां रह रहे हिंदुओं की आवाज बुलंद होगी.
एक रिसर्च के मुताबिक अमेरिका में रह रहे भारतीय मूल के 48 प्रतिशत अमेरिकी सिटिजन हिंदू है. अमेरिका में रह रहे हिंदुओं में से ज्यादातर (करीब 92 प्रतिशत) का जन्म अमेरिका में नहीं हुआ है. लेकिन इन हिंदुओं ने अमेरिका में अपने लिए एक मुकाम हासिल किया है. यहां रह रहे भारतीय मूल के नागरिक सबसे ज्यादा आमदनी हासिल करते हैं. कई नामी अमेरिकी कंपनियों में हिंदू टॉप पोस्ट पर हैं. अमेरिका में मौजूदा वक्त में एक हजार से ज्यादा मंदिर हैं, जो 20 साल पहले 435 थे. पिछले पंद्रह साल में अमेरिका में हिंदुओं की आबादी दोगुनी (22 लाख से ज्यादा) हो गई है. तमाम दूसरे धर्म के लोगों में (अमेरिकी नागरिकों में) भारतीय धर्म गुरुओं, योग और ध्यान के प्रति जबरदस्त आकर्षण बढ़ा है. शायद यही वजह है कि अमेरिकी संसद में उनकी बात और उनके मसलों के समाधान पर जोर दिया जा रहा है.