उत्तर प्रदेश के लखनऊ में जबरन और पैसों का लालच देकर मुस्लिम बनाए गए 12 लोगों की घर वापसी कराई गई है. विश्व हिंदू रक्षा परिषद की टीम ने गोमती नगर इलाके के शिव मंदिर में इन लोगों की विधिवत हिंदू धर्म में वापसी कराई गई. बता दें कि इन लोगों को इस्लाम में कनवर्ट कराया गया था. इसके बाद जब इन लोगों की ब्लैकमेलिंग शुरू हुई तो इन्हें सच्चाई का एहसास हुआ, परेशान हो कर इन लोगों ने विश्व हिंदू रक्षा परिषद के लोगों से संपर्क किया. इनमें से कुछ लोग लव जिहाद के मामलों के शिकार हुए हैं.
इलाहाबाद हाईकोर्ट भी जता चुका है चिंता
जुलाई 2024 में धर्मांतरण के मामले में बेहद गंभीर टिप्पणी की थी. कोर्ट ने कहा था कि अगर धार्मिक सभाओं में धर्मांतरण की प्रवृत्ति जारी रही तो एक दिन भारत की बहुसंख्यक आबादी अल्पसंख्यक हो जाएगी. ऐसे में धर्मांतरण करने वाली धार्मिक सभाओं पर तत्काल रोक लगाई जानी चाहिए. ऐसे आयोजन संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के खिलाफ है. कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान साफ कहा था कि यूपी में धार्मिक आयोजनों के जरिए भोले-भाले गरीब लोगों को गुमराह कर ईसाई बनाया जा रहा है. ऐसे में धर्म परिवर्तन के आरोप की गंभीरता को देखते हुए याचिकाकर्ता को बेल नहीं दी जा सकती.
क्या है धर्मांतरण को रोकने का उपाय ?
बता दें कि देश में लव जिहाद और धर्मांतरण के मामले तेजी से बढ़ते नजर आ रहे हैं. तमाम कोशिशों के बाद भी इस पर लगाम लगती नहीं दिख रही है. ऐसे में सरकार को सिर्फ आरोपियों पर कार्रवाई तक नहीं सीमित रहना चाहिए. इसके साजिशकर्ताओं पर जब तक कार्रवाई नहीं होगी तब तक ऐसे मामले आते रहेंगे. सबसे ज्यादा जरूरी है. ऐसे गैंग से जुड़े लोगों की फंडिंग के सोर्स की तलाश करके उसे रोकने का काम करना होगा.