पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) की बात करने को लेकर फारुख अब्दुल्ला ने जिस तरह बीजेपी नेताओं को चेताया है कि पाकिस्तान ने चूड़ियां नहीं पहन रखी हैं. उससे वो बीजेपी का विरोध करते कम पाकिस्तान की पैरवी और तरफदारी करते नजर आ रहे थे. बीजेपी ने जिस तरह से आक्रमक तरीके से PoK को लेकर चुनाव में इसका जिक्र शुरू कर दिया है. उससे लगता है कि 4 जून के बाद जिस बड़े फैसलों की बात सुन रहे हैं. वो PoK को अपना बनाने का फैसला भी हो सकता है.
फारुख अब्दुल्ला के चूड़ियों वाले बयान पर गृहमंत्री अमित शाह का कहना है कि इन नेताओं से पूछा जाना चाहिए कि क्या एक परमाणु शक्ति संपन्न देश को किसी से डरकर अपना हक जाने देना चाहिए. उन्होंने कहा कि PoK को वापस पाना भारतीय जनता पार्टी का कमिटमेंट ही नहीं भारत की संसद का है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का कहना है कि साल 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद से वहां शांति है. जबकि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. पहले आजादी के नारे इधर सुनाई देते थे. अब ऐसे ही नारे PoK में सुनाई देते थे. पहले पत्थरबाजी इधर होती थी, लेकिन पत्थरबाजी उधर होती है.
इससे पहले रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि चिंता मत करें, पीओके हमारा था, वो हमारा है और हमारा रहेगा. देश की ताकत बढ़ रही है. दुनिया भर में हमारी प्रतिष्ठा और अर्थव्यवस्था बढ़ रही है. अब पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के हमारे भाई-बहन खुद भारत के साथ आने की मांग करेंगे. रक्षा मंत्री के इस बयान के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारुख अब्दुल्ला ने कहा कि अगर रक्षा मंत्री कह रहे हैं तो आगे बढ़ें. हम रोकने वाले कौन होते हैं. लेकिन याद रखें पाकिस्तान ने चूड़ियां नहीं पहनी हैं. उनके पास परमाणु बम हैं और दुर्भाग्य से वह परमाणु बम हम पर गिरेगा.
भारतीय विदेश मंत्री एस.जयशंकर से जब पीओके को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि भविष्य में क्या होगा, ये बताना काफी मुश्किल है, लेकिन मैं बताना चाहता हूं कि देश की जनता पीओके को भूली नहीं है. उन्होंने कहा कि पीओके कभी देश से बाहर नहीं रहा, वो हमारे देश का ही हिस्सा है. आपको पता है कि पीओके पर बाहरी लोगों का कैसे नियंत्रण हुआ. आप जानते हैं जब घर की जिम्मेदारी के लिए कोई सही संरक्षक नहीं होता तो बाहरी चोरी कैसे करते. पीओके में यही हुआ और संरक्षण ने बाहरी को घर में घुसने की इजाजत दे दी थी. पाकिस्तान के आजाद होने के बाद शुरुआत में भारत की ओर से इस इलाके पर ध्यान नहीं दिया गया. इसी वजह से यहां हालात खराब हो गए. (तस्वीर साभार – अमित शाह के फेसबुक पेज से साभार)