बाबा रामदेव मीडिया में खबर चल रही उस खबर पर भड़क गए जिसमें ये दावा किया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने योगगुरु बाबा रामदेव की कंपनी ‘पतंजलि’ को फटकार लगाई है और झूठे विज्ञापन प्रसारित न करने की नसीहत दी है। इसी विषय पर बाबा रामदेव ने बाकायदा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के सफाई दी । उन्होंने कहा कि मीडिया के लगभग हर प्लेटफार्म पर ये खबर वायरल की जा रही है कि सुप्रीम कोर्ट ने ‘पतंजलि’ को फ़टकार लगाई औऱ कहा कि झूठा प्रोपेगंडा करोगे तो करोड़ों रुपए का जुर्माना लगेगा। इस पर बाबा रामदेव ने कहा कि वो देश के सुप्रीम कोर्ट, कानून एवं संविधान का सम्मान करते हैं।
लेकिन झूठा प्रोपेगैंडा या दुष्प्रचार पतंजलि नहीं करता है । बल्कि डॉक्टरों का एक गिरोह है जो योग, आयुर्वेद, प्राकृतिक उपचार और सनातन सांस्कृतिक मूल्यों के खिलाफ एक एजेंडा चला रहा है। उन्होंने कहा कि ये झूठ फैलाया जा रहा है कि सिंथेटिक वर्ल्ड में बीपी, शुगर, थायराइड, अस्थमा, अर्थराइटिस, लिवर-किडनी फेलियर का कोई समाधान नहीं है। जब कि आयुर्वेद में ये सब संभव है । इस दौरान बाबा रामदेव ने तथ्यों के जरिए अपनी बात को साबित करने का प्रयास किया।
गौर करने वाली बात ये है कि बाबा रामदेव ने अपनी इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुछ मरीज़ों को भी अपने साथ बिठा कर रखा था। उन्होंने कहा कि ये सब बीपी, शुगर, अर्थराइटिस और मोटापे के मरीज हैं। और उन मरीज़ों ने दावा किया कि 8 दिन में उन लोगों का मोटापा 12-15 किलो तक कम किया है बाबा रामदेव ने । बाबा रामदेव ने ये भी कहा कि ये साधारण सी बात है, सिंथेटिक वर्ल्ड में किसी चीज का इलाज नहीं है तो ये कहना कि प्राकृतिक उपचार व्यवस्था में जो हम इंटेग्रेटी एन्ड एविडेंस बेस्ड ट्रीटमेंट सिस्टम से जो लोगों का इलाज करते हैं ये झूठ नहीं सच है।