मध्य प्रदेश और राजस्थान के बीच रिवर लिंक प्रोजेक्ट को लेकर दोनों राज्यों ने साझा कोशिशें शुरू कर दी है. यह प्रोजेक्ट पिछले 20 साल से अटका पड़ा था. पार्वती-काली सिंध-चंबल अंतर्राज्यीय नदी लिंक परियोजना के कार्यान्वयन के लिए संयुक्त पहल में दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री भोपाल में हुए कार्यक्रम में शामिल हुए. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि जल बंटवारे का मसला बड़ा है. राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल जी से मिलने के बाद ये रास्ता निकला कि तीनों नदियों के पानी का दोनों राज्य बेहतर इस्तेमाल कर सकें.
साल 2004 से यह परियोजना (पार्वती-काली सिंध-चंबल अंतर्राज्यीय नदी लिंक परियोजना ) लंबित थी. इस प्रोजेक्ट में कुल 72 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे. जिसमें मध्य प्रदेश सरकार 35 हजार करोड़ और राजस्थान सरकार 37 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी. इस परियोजना के पूरे होने पर 6.17 लाख हेक्टेयर जमीन की सिंचाई हो सकेगी. इससे दोनों राज्यों के 5 लाख से ज्यादा किसान लाभान्वित होंगे.
मध्य प्रदेश और राजस्थान के मुख्यमंत्रियों के बीच इस बात पर सहमति बनी कि दोनों राज्य मिलकर श्रीकृष्ण पाथ वे विकसित करेंगे. भगवान श्रीकृष्ण राजस्थान के रास्ते उज्जैन में अपने गुरु आश्रम पढ़ने गए थे. इसके अलावा खाटू श्याम से महाकाल लोक तक कॉरिडोर बनाने पर भी विचार किया जा रहा है.
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