यूपी में कांवड़ यात्रा के रूट पर खाने-पीने की दुकानों पर दुकानदार की पहचान के लिए नाम की प्लेट लगाने के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. यूपी सरकार के इस आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगाई है. अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दुकानदारों को पहचान बताने की जरूर नहीं है. कोर्ट ने कहा कि होटल चलाने वाले यह बता सकते हैं कि खाना शाकाहारी है या फिर मांसाहारी. मगर दुकानदारों को अपना नाम लिखने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए.
बता दें कि यूपी में कांवड़ यात्रा को लेकर योगी सरकार ने यात्रा मार्ग पर खाने-पीने की दुकानों पर मालिकों का नाम लिखने का आदेश जारी किया है. पहले 17 जुलाई को मुजफ्फरनगर पुलिस ने जारी किया. मुजफ्फरनगर पुलिस का कहना है कि यह कदम उठाना इसलिए जरूरी था, जिससे कांवड़ियों में कोई कनफ्यूजन न रहे और कानून व्यवस्था में कोई दिक्कत ना आए. पुलिस के मुताबिक सामाजिक सौहार्द बनाए रखने के लिए यह कदम जरूरी थी.
मुजफ्फरनगर पुलिस के बाद 19 जुलाई को यूपी सरकार ने इस आदेश को पूरे प्रदेश में लागू कर दिया. कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल इस फैसले पर सवाल उठा रहे हैं. जबकि कांवड़ यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्रियों का कहना है कि उन्हें यात्रा के दौरान शुद्ध शाकाहारी के नाम पर ठगा जाता है. साथ ही थूक मिला खाना तक परोसा जाता है. ऐसे में कांवड़ यात्रा के दौरान यह फैसला बिल्कुल सही है.