एक बार इजरायल के एक बेहद धनी व्यक्ति से पूछा गया कि क्या कभी उनके जीवन में ऐसी कोई घटना घटी है, जिससे उन्हें बहुत आश्चर्य हुआ हो?
उन्होंने कहा – हाँ, एक बार जब मैं भारत में अयोध्या की गलियों में घूम रहा था तो अचानक मेरी निगाह एक अस्पताल के बाहर पेड़ के नीचे बैठे एक आदमी पर पड़ी। उसके दोनों हाथ जुड़े हुए थे और आँखें बंद थीं, लेकिन उसकी आँखों से लगातार आँसू बह रहे थे और वह प्रार्थना में पूरी तरह से डूबा हुआ था।
मैंने धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा की कि उसकी प्रार्थना पूरी हो जाये; फिर मैंने उससे पूछा कि तुम इतने परेशान और दुःखी क्यों हो?
उसने बताया कि अपनी पत्नी के आप्रेशन के लिये मुझे 1 लाख रुपयों की तत्काल आवश्यकता है, नहीं तो वह मर जायेगी।
मैंने पूछा क्या तुम भगवान से मदद माँग रहे थे?
उसने कहा – हाँ जी! मैं अपने भगवान से ही प्रार्थना कर रहा था।
सँयोग से, मेरे पास उस समय काफी पैसे थे। इसलिए मैंने उसे एक लाख रूपये दे दिए।
उसने तुरन्त आँखे बंद करके अपनी गर्दन झुका कर भगवान का धन्यवाद किया और मुझे भी मदद के लिये धन्यवाद दिया।
मैं उसके इस रवैये से बड़ा प्रभावित हुआ और मैंने अपना कार्ड उसे दिया, जिसमें मेरा निजी फोन नंबर और निजी ईमेल लिखा था।
मैने उसे कहा – कभी भी आपको और किसी भी चीज की जरूरत पड़े तो आप मुझे सीधे फोन करें और सहायता आपके पास पहुँचाने की व्यवस्था कर दी जाएगी।
लेकिन उसने मेरे कार्ड और प्रस्ताव दोनों को ठुकरा दिया और उसने मुझे जो कारण बताया उसे सुनकर मेरा तो जीवन ही बदल गया।
उसने कहा – आपने मुझे अपना फोन नंबर और पता दिया, उसके लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद; लेकिन जब भी मुझे किसी और चीज की भी जरूरत होगी तो मैं आपको नहीं, बल्कि अपने दिल में बैठे अपने सतगुरू भगवान को पुकारूँगा, जिसने अभी अभी आपको मेरे पास भेजा है।
उसकी अपने सतगुरू भगवान के प्रति इतनी गहरी आस्था ने मेरे अहँकार को एक ही पल में टुकड़े-टुकड़े कर दिया। मैं सोचने पर मजबूर हो गया कि मुझे कोई शक्ति ही वहाँ खींच कर लाई थी, और उसकी मदद करके मुझे बहुत ज्यादा खुशी मिली। तबसे मैं किसी की भी मदद करता हूँ तो तुरंत भगवान का धन्यवाद करता हूँ, जिसने मुझे इस योग्य समझा।
यदि हम भी अपने सतगुरू भगवान के प्रेम से जुड़कर भजन सिमरन करते हुए, सेवा करते हुए अपना जीवन जीते हैं तो ज़िन्दगी में हर मुश्किल घड़ी में सतगुरू भगवान हमारे साथ ही खड़े होंगे और मुसीबत से बाहर निकाल लेंगे।