महाकाल की नगरी उज्जैन में सावन के तीसरे सोमवार को एक बड़ा वर्ल्ड रिकॉर्ड बना. ये रिकॉर्ड महाकाल की सवारी से पहले बना . 1500 लोगों ने एक साथ दस मिनट तक डमरू बजाया. सबसे ज्यादा लोगों के डमरू बजाने के लिए गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में उज्जैन का नाम दर्ज हो गया. इसके बाद गिनीज बुक की ओर से आए अधिकारियों ने यहां के सांसद, विधायक और संतों को इसका सर्टिफिकेट सौंपा.
उज्जैन से पहले यह रिकॉर्ड फेडरेशन ऑफ न्यूयॉर्क के नाम था. यहां 488 लोगों द्वारा ये रिकॉर्ड बनाया गया था. उज्जैन में बने इस रिकॉर्ड की प्रैक्टिस पिछले तीन दिनों से चल रही थी. महाकाल की सवारी में भी बड़ी संख्या में भक्त शामिल हुए.
महाराल मंदिर का पुननिर्माण ग्यारहवीं शताब्दी में हुआ था. लेकिन इसके 140 साल बाद इल्तुतमिश ने तुड़वा दिया था. इसके बाद मराठा और फिर सिंधिया राज्य के दीवान बाबा रामचंद्र शैणवी ने जीर्णोद्धार कराया. इस मंदिर परिसर में कई अन्य मंदिर भी हैं. मध्य प्रदेश आने वाले हर सैलानी की लिस्ट में पहला नाम उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर होता है. यह मंदिर क्षिप्रा नदी के पास स्थित है. यह ज्योतिर्लिंग बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है. यहां भगवान महाकाल का भस्म ऋृंगार किया जाता है. रोजाना भोर में सुबह चार बजे होने वाली भस्म आरती में बड़ी संख्या में भक्त शामिल होते हैं. इस आरती में शामिल होने के लिए पहले से बुकिंग करवानी होती है. (तस्वीर साभार – श्रीमहाकालेश्वर उज्जैन फेसबुक पेज से साभार)