राजस्थान के बहुचर्चित अजमेर सेक्स स्कैंडल में स्पेशल पॉक्सो कोर्ट ने 6 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. इन दोषियों पर पांच-पांच लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. करीब 32 साल पुराने इस मामले में नसीफ चिश्ती, नसीम, सलीम चिश्ती, इकबाल भाटी, सोहेल गनी और सैयद जमीर हुसैन को दोषी ठहराया गया है.
मामला 1992 का है. अजमेर में एक प्रतिष्ठित स्कूल में पढ़ने वाली सौ से ज्यादा हिंदू लड़कियों को इन आरोपियों पर द्वारा फंसा कर या फिर जबरन उनकी नग्न तस्वीरें ली गईं फिर उसे सर्कुलेट कर दी गईं. इनमें से कई लड़कियों ने बदनामी के डर से सुसाइड कर लिया. आरोपी किसी लड़की को फंसा कर उस पर दूसरी लड़कियों को लाने का दबाव डालते थे और पॉल्ट्री फार्म में उनसे गैंगरेप किया जाता था और उनकी नग्न तस्वीरें ली जाती थीं. लेकिन लैब से ये तस्वीरें लीक हो गईं.
इस केस में 18 आरोपियों के खिलाफ ट्रायल चला. सात आरोपियों ने घटना के 11 साल बाद साल 2013 में सरेंडर किया. 23 जून, 2001 को इस मामले में चार्जशीट दायर की गई. इस केस की 16 पीड़िताएं कोर्ट में पेश हुईं. कई पीड़िता समाज के दबाव में मुकर भी गईं. इस मामले को सबसे पहले एक स्थानीय समाचार पत्र लहरों की बरखा के संचालक मदन सिंह ने बड़े पैमाने पर उठाया. जिन्हें कई धमकियां मिली बाद में उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई.