बाबा बालकनाथ, बालमुकुंदाचार्य, महंत प्रताप पुरी और ओटाराम देवासी ये वो नाम हैं जिनकी ओर हिंदू समाज के लोग बड़ी ही उम्मीदों के साथ देख रहे हैं. क्योंकि राजस्थान विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने इन चार संतों को चुनाव में उतारा था. इन चारों संतों ने भी बीजेपी को निराश नहीं किया, वो जनता का विश्वास और चुनाव दोनों जीत कर आए. बल्कि यूं कहा जाए तो गलत नहीं होगा कि आम लोगों ने संतों पर सनातन की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंप दी. इनमें से एक बाबा बालकनाथ को तो मुख्यमंत्री पद का दावेदार भी माना जा रहा है.
बाबा बालकनाथ (राजस्थान के योगी)
नाथ संप्रदाय की सबसे बड़ी गद्दी बोहर मठ के महंत बाबा बालकनाथ बीजेपी के फायर ब्रांड नेता माने जाते हैं. अलवर की तिजारा विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी इमरान खान को 6173 वोटों से हराकर बाबा बालकनाथ ने जीत दर्ज की है. वो अलवर से सांसद भी थे. उन्हें राजस्थान का योगी कहा जाता है. उनकी तुलना यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की जाती है. बाबा बालकनाथ उसी नाथ संप्रदाय से आते हैं, जिससे योगी आदित्यनाथ संबंध रखते हैं. बाबा बालकनाथ के चुनाव प्रचार के लिए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी आए थे.
बालमुकुंदाचार्य
अखिल भारतीय संत समाज, राजस्थान के प्रमुख बालमुकुंदाचार्य हिंदू समाज की रक्षा और जयपुर के परकोटा इलाके में मंदिरों की रक्षा के मिशन के साथ-साथ जयपुर में अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के मुद्दे पर मुखर रहे हैं. राजस्थान विधानसभा चुनाव में जयपुर की हवामहल सीट से बीजेपी के टिकट पर उन्होंने जीत हासिल की और विधायक बने. विधायक बनते ही उन्होंने जयपुर में अवैध मीट शॉप के खिलाफ अभियान छेड़ कर अपनी मंशा जता दी है.
ओटाराम देवासी
ओटाराम देवासी पहले भी विधायक रह चुके हैं. वसुंधरा राजे सरकार में वो गोपालन मंत्री भी थे. उन्होंने सिरोही सीट से कांग्रेस के संजय लोढ़ा को हराया. वो अपने समाज के धर्मगुरु हैं. जिनके बड़ी संख्या में समर्थक हैं.
महंत प्रताप पुरी
महंत प्रताप पुरी, पोकरण विधानसभा सीट से आम लोगों का विश्वास जीता. वो आध्यात्मिक उपदेश के साथ-साथ सियासत में एक्टिव रहते हैं. अपनी शुरुआती शिक्षा बाड़मेर से पूरी करने के बाद उन्होंने आगे की शिक्षा हरियाणा के गुरुकुल में ली. उनके परिजनों ने उन्हें बहुत कम उम्र में ही गुरु मोहनपुरी को सौंप दिया था. शिक्षा पूरी होने के बाद उन्होंने खुद को सतानत धर्म के लिए समर्पित कर दिया. अब आम लोगों को उम्मीद है कि वो राजस्थान की जनता की भलाई के लिए हर कदम उठाएंगे.