कोरिया की पुरातन इतिहासकथा ‘साम कुक यूसा’ (चीनी भाषा में लिखे एक दस्तावेज ) के मुताबिक अयुता यानी अयोध्या के राजा पद्मसेन को मिले देवी संकेत में अपनी बेटी का विवाह दक्षिण कोरिया के कारक राज्य के राजा किम सुरो से करवाने को कहा गया. जिसके बाद राजा पद्मसेन ने अपनी बेटी को दक्षिण कोरिया के ग्योंगसांग प्रांत के किमहये शहर विवाह के लिए भेज दिया. कोरिया में सुरीरत्ना ने किम सुरो से शादी विवाह किया. इस विवाह के बाद सुरीरत्ना को वहां रानी हुह नाम दिया गया. विवाह के बाद राजा किम सुरो और अयोध्या की राजकुमारी सुरीरत्ना ने जो राज्य स्थापित किया उसका नाम किम हे किम रखा गया.
वर्तमान में कोरिया में कारक वंश के लोग अपने को राजा किम सुरो और रानी हौ (सुरीरत्ना) के वंश का मानते हैं. दक्षिण कोरिया इस वंश के 60 लाख से ज्यादा लोग है. जो एक तरह से यहां की जनसंख्या का दसवां हिस्सा हैं. ऐसा कहा जाता है कि राजकुमारी ने अयोध्या से दक्षिण कोरिया की यात्रा के दौरान जलमार्ग में नाव को बैलेंस करने के लिए उस पर एक पत्थर रखकर लाई थीं. इस वंश के लोगों ने आज भी इस पत्थर को संभाल रखा है. यही नहीं रानी हौ (सुरीरत्ना) की कब्र में लगा पत्थर अयोध्या (अयुता) से लाया गया था.
दक्षिण कोरिया के राजदूत चांग जे-बोक के मुताबिक वहां के इतिहास में करीब 2000 साल पहले (पहली शताब्दी ईस्वी में) एक भारतीय राजकुमारी का कोरियाई राजा से विवाह हुआ था. यहां की इतिहास की किताबों में इस राजकुमारी का संबंध ‘अयुता’ से बताया गया है. कोरियाई भाषा में ‘अयुता’ का अर्थ अयोध्या होता है. हालांकि कुछ इतिहासकारों का दावा है कि थाईलैंड में भी एक अयुता नाम की जगह है. लेकिन दक्षिण कोरिया के लोगों का पूरा विश्वास है कि रानी हौ का अयुता भारतवर्ष की अयोध्या है.
अयोध्या में सरयू नदी के तट पर दक्षिण कोरिया से लाए गए एक पत्थर से रानी सुरो का एक स्मारक (कोरिया परंपरा के मुताबिक ) बनाया गया है. जिसमें साढ़े 7 हजार किलोग्राम वजन वाले तीन मीटर ऊंचे पत्थर से बनाया गया है. कारक गोत्र (वंश) के लोगों का एक ग्रुप हर साल अयोध्या में रानी हुह के स्मारक पर श्रद्धांजलि देने आता है. ऐसा दावा किया जाता है कि दक्षिण कोरिया सरकार अयोध्या में कई प्रोजेक्ट पर काम करना चाहती थी. लेकिन पहले की भारत सरकार या फिर उत्तर प्रदेश सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. हालांकि अब खुद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अयोध्या में तमाम परियोजनाओं पर काम कर रही है और दक्षिण कोरिया के साथ अयोध्या के संबंधों पर कई काम सरकार की ओर से किए जा रहे हैं. ऐसे में उम्मीद बंधती है कि अयोध्या के साथ इस संबंध को नई मजबूती मिलेगी.