अभिनेत्री और भारतीय जनता पार्टी सांसद कंगना रनौत को मध्य प्रदेश के जबलपुर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने नोटिस जारी किया है. यह नोटिस उन्हें उनके एक बयान पर जारी किया गया है. जिसमें उन्होंने कहा था कि – असली आजादी हमें 2014 में मिली, 1997 में तो भीख मिली थी. यह बयान उन्होंने साल 2021 में नवंबर महीने में दिया था. हालांकि कंगना इस बयान पर माफी मांग चुकी हैं.
इस बयान के खिलाफ जबलपुर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में एक वकील ने दाखिल की थी. अर्जी में कहा गया कि एक सेलिब्रिटी होने के बाद भी कंगना का ऐसा बयान देना शर्मनाक है. अर्जी पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने भी माना कि कंगना का बयान उचित नहीं है. मामले की अगली सुनवाई 5 नवंबर को होगी. इससे पहले कंगना रनौत को उनके किसान आंदोलन पर दिए गए बयान को लेकर मध्य प्रदेश के बैतूल से मानहानि का नोटिस भेजा गया है. इस नोटिस में उनसे एक हफ्ते में अपने बयान पर सार्वजनिक रूप से माफी मांगने को कहा गया है. यह नोटिस किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष और पूर्व विधायक डॉक्टर सुनीलम ने भेजा है. जिसमें कहा गया है कि कंगना द्वारा माफी नहीं मांगने पर किसान संघर्ष समिति उनके खिलाफ आपराधिक और सिविल मामला दायर करेगी. इस नोटिस में उनसे दो करोड़ रुपए की आर्थिक हानि की मांग की गई है.
एक इंटरव्यू में बीजेपी सांसद कंगना रनौत ने कहा था कि आज हमारा शीर्ष नेतृत्व कमजोर होता को बांग्लादेश जैसी स्थिति भारत में भी हो सकती थी. किसान आंदोलन को लेकर कंगना ने कहा था कि प्रदर्शन के नाम पर हिंसा फैलाई गई, वहां रेप हो रहे थे और मार कर लाशों को लटकाया जा रहा था. कंगना के इस बयान पर उनकी पार्टी बीजेपी ने खुद को अलग कर लिया है. इसके अलावा पार्टी ने कंगना को चेतावनी भी दी है. साथ ही बीजेपी ने कहा है कि ऐसे नीतिगत मामलों पर बयान देने के लिए कंगना अधिकृत नहीं हैं. (तस्वीर साभार – कंगना रनौत के फेसबुक पेज से साभार)