खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के साथ संपर्क में होने का दावा किया है. पन्नू का कहना है कि वो पिछले 3 साल से उनके साथ सीधे संपर्क में रहा और उसने उन्हें भारत के खिलाफ जानकारी भी उपलब्ध कराई, इस जानकारी पर ट्रूडो ने एक्शन भी लिया. कनाडा द्वारा छह भारतीय राजनयिकों को निष्कासित करने के बाद एक चैनल को दिए इंटरव्यू में पन्नू ने दावा किया कि यह कार्रवाई उसके द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर की गई है. पन्नू ने विक्रम यादव की गिरफ्तारी के मामले में बनी भारत सरकार की जांच कमेटी को एक दिखावा करार दिया और एक बार फिर भारत से अपनी जान के खतरे की बात दोहराई.
जस्टिन ट्रूडो का कबूलनामा
इस बीच भारत के साथ कड़वाहट के बीच कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का अहम बयान सामने आया है. जस्टिन ट्रूडो ने कबूल किया है कि उन्होंने निज्जर की हत्या से जुड़े सबूत भारत सरकार को नहीं दिए हैं. उन्होंने माना है कि इस हत्याकांड से जुड़ी बस खुफिया जानकारी ही भारत को सौंपी गई है. इससे पहले तक कनाडा दावा कर रहा था कि उसने भारत को निज्जर हत्याकांड से जुड़े सबूत दे दिए हैं. जबकि भारत, कनाडा के दावे को नकार रहा था. ट्रूडो ने बताया कि जी 20 के दौरान उन्होंने इस मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ चर्चा की थी. इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे कहा था कि कनाडा में कई लोग भारत सरकार के खिलाफ बयानबाजी करते हैं और वो इस लोगों पर कार्रवाई चाहते थे.
बता दें कि इससे पहले 14 अक्टूबर को कनाडा के खिलाफ भारत सरकार ने सख्त एक्शन लिया है. भारत ने कनाडा के उच्चायुक्त समेत 6 राजनयिक को वापस जाने को कह दिया है. उन्हें 19 अक्टूबर रात 12 बजे तक भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है. इंडिया ने यह निर्णय खालिस्तानी आतंकवादी निज्जर हत्याकांड की जांच में भारतीय हाई कमिश्नर और डिप्लोमेट्स को पर्सन ऑफ इंटरेस्ट के रूप में जोड़ने के बाद लिया है. यानी इन अधिकारियों को हत्या में संदिग्ध बताया गया है.
इसके बाद भारत सरकार ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए बड़ा फैसला लिया और कनाडाई राजदूत को तलब किया. भारत सरकार ने उनसे कहा कि कनाडा ने जो आरोप लगाए हैं वह आधारहीन हैं. इस मसले पर कनाडा के डिप्टी हाई कमिश्नर ने कहा कि कनाडा की सरकार ने वो कर दिया है जिसकी मांग इंडिया लंबे समय से कर रहा था. हमने कनाडा के नागरिक की हत्या में भारत के एजेंट्स के शामिल होने के सबूत दिए हैं. अब देखना है कि भारत क्या कार्रवाई करता है. डिप्लोमैट्स निकालने की भारत की इस कार्रवाई के बाद कनाडा ने भी भारत के 6 डिप्लोमेट्स को देश छोड़कर जाने को कहा है.