बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा है कि – कुंभकर्ण के बाद अगर कोई सोया है तो वो हिंदू सोया है. यही वजह है कि वर्तमान में हिंदुओं की बुरी दुर्दशा है. उन्होंने कहा कि केवल हिंदू-हिंदू कहने से कोई हिंदू नहीं हो जाता. तिलक लगाने से हिंदू राष्ट्र नहीं बनना है. राजस्थान के भीलवाड़ा में हनुमंत कथा के दौरान उन्होंने कहा कि हम सभी को बाहर निकलना होगा. सनातन हिंदू एकता पद यात्रा को सफल बनाना होगा. तब सभी को पता चलेगा कि हम भी कोई चीज हैं. हमने विचार कर लिया है कि मंचों से हिंदू राष्ट्र नहीं बनना है. अब हम गांव-गांव जाएंगे. पदयात्रा करके हिंदुओं को जगाएंगे. जो छेड़ेगा, उसे छोड़ेंगे नहीं.
महाकुंभ में गैर हिंदुओं का प्रवेश रोकने की मांग
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने प्रयागराज में लगने वाले महाकुंभ मेले में गैर हिंदुओं को दुकान नहीं लगाने देने का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम. छत्तीसगढ़ के कवर्धा में पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि जिन्हें सनातन संस्कृति के बारे में पता हो, पूजा पाठ और सामग्री की शुद्धता के बारे में पता हो उन्हें ही यह कार्य दिया जाना चाहिए. जिन्हें इसके बारे में जानकारी नहीं हो. वह निश्चित ही नाश करेंगे. इसलिए गैर हिंदुओं का कुंभ मेले में प्रवेश वर्जित होना चाहिए.
बागेश्वर धाम में दुकानों पर नेम प्लेट लगाने का आदेश
इससे पहले भी पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बागेश्वर धाम में लगी दुकानों पर नेम प्लेट लगाने का आदेश दिया था. पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि हमें न राम से दिक्कत है और न ही रहमान से दिक्कत है. हमें कालनेमियों से दिक्कत है. इसलिए अपनी दुकान के बाहर नेम प्लेट टांग दो. जिससे आने वाले श्रद्धालुओं का धर्म और पवित्रता भ्रष्ट न हो. उन्होंने कहा कि धाम की दुकानों और होटल के बाहर मालिकों का नाम लिखा होना जरूरी है. यह एक अच्छा काम है. हमें अपने बाप का नाम लिखने में क्या तकलीफ है. इस काम की तो सराहना होनी चाहिए.
‘हवस का पुजारी क्यों, मौलवी-पादरी क्यों नहीं होता’
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा था कि हवस का पुजारी ही क्यों, हवस का मौलवी या पादरी क्यों नहीं होता. ऐसे शब्द का इस्तेमाल हिंदुओं के दिमाग में प्रायोजित तरीके से भरे जाते हैं. उनके इस बयान को लेकर मौलानाओं ने आपत्ति जताई है. इसके बाद पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपने इस बयान पर सफाई दी. उन्होंने कहा कि उनका बयान सनातनियों को जगाने के मकसद से दिया गया था. जिस नेताजी को बुरा लग रहा है तो लगना चाहिए, हमें कोई दिक्कत नहीं. सभी संत और पुजारी गलत नहीं होते हैं. उन्होंने कहा कि मुसलमान कभी मौलवियों का अपमान नहीं करते, जबकि हिंदू पुजारियों का अपमान करते हैं.
बाद में अपने बयान पर आ रही आपत्तियों पर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि – जो इस बयान पर आपत्ति कर रहे हैं वो नालायक हैं. इनको कोई ज्ञान नहीं है. हमने अपने सनातियों को जगाने के लिए ये बयान दिया था. एक नेताजी हैं अंसारी. उन्होंने बयान दिया था कि साधु-संत तो गांजा फूंकते हैं, लेकिन सभी ऐसा नहीं करते. ऐसे तो अंसारी आतंकवादी होते हैं. पर सभी अंसारी आतंकवादी नहीं होते.
जात-पात खत्म करके अपने नाम के साथ हिंदू लिखें
इससे पहले पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने हिंदुओं से एकजुटता की अपील करते हुए कहा कि हिंदू समाज के सभी लोग अपने-अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर अपने नाम के आगे हिंदू लिखना शुरू करें. इससे एक नए ट्रेंड का भौकाल आ जाएगा. उन्होंने कहा कि ऐसा करने से उन लोगों की समझ में आ जाएगा कि अब हिंदू समाज जात-पात में बंटा नहीं है. सारे हिंदू एक हो गए हैं. पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि हम चाहते हैं कि अगर आज से भारत के लोग छुआछूत जात-पात को खत्म करना चाहते हैं तो अपने नाम के साथ जाति नहीं बल्कि हिंदू लिखें. पिछले दिनों पंडित धीरेंद्र शास्त्री छतरपुर के बागेश्वर धाम की यातायात व्यवस्था सुधारने और धाम को नशा मुक्त बनाने के लिए सड़क पर उतरे और लोगों को समझाते भी नजर आए थे. (तस्वीर साभार – धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री फेसबुक पेज से साभार)