Skip to content
Anju Pankaj
Anju Pankaj

  • National
  • Politics
  • Religious
  • Sports
  • Video Gallery
  • Stories
  • Tours and Travel
  • Advertise
  • Blog
Anju Pankaj

कश्मीर घाटी से हिंदुओं के पलायन के लिए जिम्मेदार लोगों पर केस चले- BJP

Anju Pankaj Desk, December 25, 2023December 25, 2023

भारतीय जनता पार्टी ने कश्मीर घाटी से कश्मीरी पंडितों (हिंदुओं) को भगाने के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान करने, उन्हें बेनकाब करने और केस चलाने के लिए जांच की मांग की है. बीजेपी का कहना है कि साल 1989 और 1990 की शुरुआत में कश्मीर घाटी से हिंदुओं का नरसंहार कर उन्हें भगाने की घटना, दुनिया भर में सबसे खराब मानवाधिकार उल्लंघन की घटनाओं में से एक है. जिम्मेदार लोगों को बेनकाब करने और उन्हें सजा दिलाने से पीड़ित समुदाय को इंसाफ मिलेगा और उत्पीड़न करने वालों में कड़ा संदेश जाएगा, ऐसा करने से भविष्य में ऐसी घटनाएं नहीं होंगी. जो कश्मीरी हिंदुओं को झेलना पड़ा, वैसा अब दोबारा किसी के साथ ना हो. इस तरह अब समाज और सरकार को कश्मीर हिंदुओं को सुरक्षित और सम्मानजनक वापसी सुनिश्चित करनी चाहिए.

जब मस्जिदों से अजान के साथ नारे और धमकी गूंजी
कश्मीर घाटी से पलायन की शुरुआत 1989 में हो गई थी. आतंकवादी कश्मीरी पंडितों और सिखों को सरेआम जान से मार रहे थे. उनकी महिलाओं के साथ रेप किए जाते थे. हिंसा की ऐसी सैकड़ों घटनाओं के बाद कश्मीरी पंडितों ने अपना घर, जमीन-जायदाद छोड़कर घाटी से जाना शुरू कर दिया. 19 जनवरी, 1990 की सुबह मस्जिदों से अजान के साथ नारे और घाटी छोड़कर जाने की धमकी भी गूंजने लगे. जो पहले से उन्हें मिल रही थी. घाटी का पूरा माहौल बदल चुका था. अखबारों तक में धमकियां छापी जा रही थीं. हिंदुओं की महिलाओं के लिए जीना मुश्किल हो गया था, उनके साथ रेप की घटनाएं आम हो गई थीं. जिसके बाद तो कश्मीर पंडितों ने बड़ी संख्या में यहां से पलायन कर लिया.

नदिमार्ग नरसंहार कैसे भूलेंगे कश्मीरी पंडित ?
पुलवामा के नर्दिमार्ग गांव में 23 मार्च 2003 को सेना की वर्दी में आए सात आंतकियों ने 24 कश्मीरी पंडितों को लाइन से खड़ा कर गोली मार दिया क्योंकि इन लोगों ने घाटी छोड़ कर जाने से इनकार कर दिया था. इस नरसंहार में रो रहे 2 साल के बच्चे को भी आतंकियों ने गोली मार दी थी. एक अनुमान के मुताबिक जनवरी, 1990 के दौरान यहां 75 हजार से ज्यादा हिंदू परिवार थे. लेकिन 1992 तक 70 हजार से ज्यादा परिवार कश्मीर छोड़ कर चले गए. जबकि 2011 तक करीब 400 हिंदुओं की हत्या कर दी गई. अब वहां करीब 800 हिंदू परिवार ही बचे हैं. आज भी कश्मीर घाटी में हिंदुओं को जान से मारा जा रहा है.

जब सिख गुरु ने कश्मीर हिंदुओं के लिए प्राण त्याग दिए
कश्मीरी हिंदुओं पर अत्याचार की ऐसी घटनाएं 17वीं सदी में औरंगजेब के शासन काल के दौरान भी हुई थीं. इस बात का जिक्र मिलता है कि धर्मांतरण और अत्याचार से परेशान होकर कश्मीरी हिंदुओं ने आनंदपुर साहिब में सिखों के नौवें गुरु तेगबहादुर से मदद मांगी थी. गुरु तेगबहादुर ने इसका विरोध किया और हिंदुओं से कहा कि औरंगजेब तक संदेश पहुंचाओ की अगर तुमने हमारे गुरु का धर्म बदल दिया, तो सभी लोग इस्लाम स्वीकार कर लेंगे. खबर मिलते ही औरंगजेब के आदेश पर गुरु तेग बहादुर और उनके 4 साथियों के साथ दिल्ली लाया गया. उनके साथियों को बेरहमी से मारे जाने और तमाम प्रताड़ना के बाद भी जब गुरु तेग बहादुर इस्लाम स्वीकार करने को तैयार नहीं हुए तो 24 नवंबर, 1675 को दिल्ली के चांदनी चौक पर उनके सिर को शरीर से अलग कर दिया गया. इस तरह गुरु तेग बहादुर ने हिंदू धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए.

National औरंगजेबकश्मीर घाटी से पलायनकश्मीरी पंडितगुरु तेग बहादुरचांदनी चौकबीजेपीसिख

Post navigation

Previous post
Next post

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

©2025 Anju Pankaj | WordPress Theme by SuperbThemes