मस्जिद में जय श्री राम का नारा लगाए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि – जय श्री राम का नारा लगाना अपराध कैसे हो सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है. सुप्रीम कोर्ट ने शिकाकतकर्ता से सवाल किया कि नारा लगाने वालों की पहचान कैसे की गई.
इससे पहले कर्नाटक हाईकोर्ट ने मस्जिद में जय श्री राम के नारे लगाने को अपराध नहीं माना है. कोर्ट ने दो लोगों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाई को खारिज करते हुए कहा है कि इससे किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुंची है. हालांकि कोर्ट ने माना कि इस घटना का सार्वजनिक व्यवस्था पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा. दरअसल, कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में 2 लोगों ने सितंबर 2023 में रात में मस्जिद में घुस कर जय श्री राम के नारे लगाए थे. इसके बाद पुलिस ने उनके खिलाफ केस दर्ज किया था.
आरोपियों ने इस मामले में हाईकोर्ट में अर्जी दी थी. हाईकोर्ट में आरोपियों की ओर से दी गई अर्जी में ये दलील दी गई थी कि मस्जिद एक सार्वजनिक स्थान है और इसलिए उनके खिलाफ आपराधिक अतिक्रमण का मामला नहीं बनता. साथ ही जय श्री राम का नारा लगाना आईपीसी की धारा 295 ए के तहत परिभाषित क्राइम की आवश्यकता को पूरा नहीं करता.