संभल में 46 साल से बंद हनुमान मंदिर मिलने के बाद अब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India) की टीम को चंदौसी इलाके में एक पुरानी बावड़ी मिली है. करीब 400 वर्ग मीटर में फैली इस बावड़ी में 4 चेंबर और संगमरमर से बनी कुछ मंजिलें हैं.
संभल के डीएम ने कहा- करीब 400 वर्ग मीटर का यह इलाका आह-बावली तालाब के रूप में दर्ज है. ऐसा माना जाता है कि इसका निर्माण बिलारी के राजा के दादा के राजा के वक्त में हुआ था. इसकी दूसरी और तीसरी मंजिल संगमरमर से बनी है और ऊपरी मंजिलें ईंटों से बनी हैं. जैसा कि हमने खुदाई में देखा कि वहां लगभग 4 चेबर है. इसका स्ट्रक्चर पूरी तरह से कींचड़ से कवर्ड है. इसे हटाने का काम नगर पालिका की टीम कर रही है.
इससे पहले संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण प्राचीन कल्कि विष्णु मंदिर और कृष्ण कूप का सर्वेक्षण किया. एएसआई की टीम ने यहां से कुछ साक्ष्य भी जुटाए हैं. दो दिन में इस टीम ने आसपास के 20 दूसरे कूप और 6 तीर्थों का सर्वे किया था.
सर्वे की टीम ने इन कूपों की सफाई का आदेश दिया है. इससे पहले प्रशासन ने संभल के तीर्थों और कूपों की सही जानकारी के लिए पुरातत्व विभाग को पत्र लिखा था. मंदिर के पुजारी का दावा है कि वो कई पीढ़ी से इस मंदिर के पुजारी हैं. कई शिकायत के बाद मंदिर के आसपास के अतिक्रमण नहीं हटाए गए.